अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर में गौ रक्षक दल, विश्व हिंदू परिषद तथा बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने अवैध रूप से ले जाए जा रहे 31 गौ वंशो को मुक्त करा कर सराहनीय कार्य किया है । क्रांतिकारी विचार मोर्चा के डॉक्टर राकेश चंद्रा ने जानकारी दी है कि मंगलवार की सुबह उन्हें गौ रक्षक अर्जुन प्रसाद यादव के माध्यम से जानकारी मिली कि कुछ लोग एक डीसीएम में गोवंश को भरकर उतरौला के लिए ले जा रहे हैं ।
उन्होंने तत्काल गौ वंशो को रोकने के लिए कहा और स्वयं वहां पहुंचकर ड्राइवर से पूछताछ की । साथ ही सूचना मीडिया और पुलिस को भी उपलब्ध कराई । मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों ने गौ वंशो को आगे जाने से रोका ।
आपसी सहमति के बाद सभी गौ वंशो को हनुमान गौशाला भगवतीगंज में उतारा गया जहां से गौ वंशो का परीक्षण करने के बाद अलग-अलग गौशालाओं के लिए भेजा गया । डीसीएम संख्या यूपी 47 टी 0011 में कुल 31 गौ वंश भरे हुए थे । क्षमता से तीन गुना अधिक गोवंश भरे होन के कारण कई गोवंशों की हालत बिगड़ चुकी थी ।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर समदर्शी सरोज ने गोवंशों का परीक्षण किया । उन्होंने बताया कि कई गौ वंशो की हालत सामान्य नहीं है । उन्होंने माना कि जिस प्रकार गोवंशों को डीसीएम में लोड किया गया था वह नियम संगत नहीं है। यह अपराध की श्रेणी में आता है । उन्होंने बताया कि बेलवा सुल्तानजोत गौशाला से उतरौला के मोहली में स्थापित गौशाला के लिए गौ वंशो को भेजा जा रहा था, जिसके लिए उतरौला के ग्राम पंचायत अधिकारी अमन मौर्य का पत्र भी डीसीएम ड्राइवर अली हसन ने दिखाए । अली हसन ने बताया कि वह उतरौला के आने अग्रवाल का ड्राइवर है और उसे जितेंद्र नामक व्यक्ति ने गोवंशों को लोड करने के लिए फोन करके बुलाया था । वहां के सफाई कर्मियों तथा स्थानीय लोगों की सहायता से गोवंशों को गाड़ी पर लोड किया गया था । मौके पर पहुंचे पुलिस क्षेत्राधिकारी बृजनंदन राय ने जायजा लेने के बाद बताया कि गोवंशों को अधिक संख्या में भरना अपराध है परंतु अवैध रूप से नहीं ले जाया जा रहा था । सरकारी प्रक्रिया के तहत एक स्थान से दूसरे स्थान पर ट्रांसफर करने के उद्देश्य ले जा रहे थे, इसलिए इसे अवैध नहीं कहा जा सकता । पूरी करवाई विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव, नगर अध्यक्ष हर्षित सोनी, जिला गौशाला प्रमुख अजय वीर सिंह, बजरंग दल के सुरेश कश्यप, सेवा भारती के विभाग अध्यक्ष बीडी जयसवाल व सचिव रुपेश मिश्रा सहित स्थानीय लोगों का का विशेष योगदान रहा ।
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