अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय के एमएलके पीजी कॉलेज में एमएससी चतुर्थ सेमेस्टर, वनस्पति विज्ञान विभाग का शैक्षणिक भ्रमण महाविद्यालय के यशस्वी प्राचार्य प्रो० जे पी पाण्डेय के निर्देशन में, विभागाध्यक्ष डॉ राजीव रंजन, डॉ मोहम्मद अकमल एंव डॉ वीर प्रताप सिंह के नेतृत्व में सोमवार को पंचमढ़ी के विभिन्न स्थलों अप्सरा विहार, रजत प्रपात, पाँचाली कुण्ड तथा बी फाल में अध्ययन के लिए गया।
26 फरवरी को एमएलकेपीजी कॉलेज में वनस्पति विज्ञान विभाग के परास्नातक चतुर्थ सेमेस्टर के शैक्षणिक भ्रमण पर गए छात्र-छात्राओं के दल ने मध्य प्रदेश के पंचमढ़ी मे ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया । भ्रमण के दौरान जानकारी दी गई की अप्सरा विहार नामक स्थान पर आकर्षक जल प्रपात है, जिसका पानी उथले कुण्ड में गिरता है। इस जल प्रपात तक पहुँचने के लिए सिल्वर वाटर फ़ाल की तरफ़ लगभग 2 कि.मी. पैदल चलना पड़ता है।
घने जंगल के बीच यह प्रकृति के अद्भुत उपहार की धरोहर है। अप्सरा विहार में दुर्गम रास्तों से होते हुए कालमेघ, ग्लेचिनीया, गुरमार तथा डोडोनिया के पौधों का अध्ययन किया गया। एक अन्य दुर्लभ प्रजाति के संवाहनी पौधे ओसमुण्डा के कुछ नमूने अध्ययन के लिए पाँचाली कुण्ड से एकत्रित किए गए। पाँचाली कुण्ड अप्सरा विहार के पास एक स्थल है जिसमें पानी की पाँच धारायें छोटे-छोटे कुण्डों में जाकर गिरती है जिसका दृश्य मनोरम लगता है। घने जंगल के बीच एक पतला सा बहता झरना है दूर से देखने पर यह चाँदी जैसा चमकता है जिसे रजत प्रापात कहते है। यहाँ पर छात्रों ने पहुँच कर कई जानकारीयां प्राप्त की। इसी क्रम में हम सभी लोग बी फाल पर गये।पंचमढ़ी का बी फाल लगभग 105 फुट ऊँचाई से नीचे गिरता है इस जल प्रपात के नीचे जब लोग नहाते हैं तो उनके शरीर पर पानी की छोटी-छोटी बूँदे तेज़ी से गिरती है मानो मधुमक्खी काट रही हो। इसीलिये इसे बी फाल कहा जाता है।यहाँ पर गाइड राकेश ने विभिन्न औषधिय वनस्पतियों जैसे ब्राह्मी, जंगली प्याज़, जंगली तम्बाकू तथा कीटभक्षी पौधे ब्लैडरवॉर्ट्स, ड्रोसेरा का अवलोकन कराया तथा छात्रों को इनके बारे में जानकारी दी। इस शैक्षणिक भ्रमण में रिया पाण्डेय, अर्शिया ख़ातून, नेहा ज़फ़र, शुभी मिश्रा, अनुष्का, प्रगति पाल, श्रुति विश्वकर्मा, तालिब ज़फ़र, शशिकांत, एंव सुबोध पाठक प्रमुख हैं ।
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