अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर मे 24 फरवरी को एमएलके पीजी कॉलेज मे वनस्पति विज्ञान विभाग के शैक्षिक भ्रमण के अंतर्गत विभागाध्यक्ष डॉ राजीव रंजन के नेतृत्व में तथा डॉ मोहम्मद अकमल व डॉ वीर प्रताप सिंह की अगुवाई में एम०एस०सी० बॉटनी चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं ने पचमढ़ी (मध्य प्रदेश) के विभिन्न स्थानों पांडव गुफा, ईको पॉइंट (प्रियदर्शनी), ग्रीन वैली, ऐतिहासिक गुप्त महादेव के साथ-साथ राजेंद्र गिरी उद्यान, चंपक झील और आयुर्वेद उद्योग का भ्रमण किया।
शैक्षिक भ्रमण की जानकारी देते हुए विभागाध्यक्ष वनस्पति विज्ञान डॉ राजीव रंजन ने बताया कि पचमढ़ी को अपनी जैव विविधता के कारण इसे वानस्पति वैज्ञानिकों के स्वर्ग के नाम से जाना जाता है । ऐतिहासिक पांडव गुफा पचमढ़ी में स्थित है जिसका नाता पांडवों के वनवास से है। पांडव अपनी पत्नी के साथ यहां करीब 12 साल रुके थे जिसमें पांच गुफाएं हैं। इस गुफा की भव्यता यहां पर लगाए गए सुंदर पौधों से है जिसमें ओपियम पोपी, प्राइमुला, फ्लॉक्स, कारनेशन, नागफनी तथा विभिन्न प्रकार के गुलाबों का अवलोकन कर छात्र-छात्राओं द्वारा अध्ययन किया गया। ईको पॉइंट (प्रियदर्शनी) पचमढ़ी में वह जगह है जहां पर हमारे देश की पूर्व प्रधानमंत्री, आयरन लेडी माननीय इंदिरा गाँधी जी आकर रूकी थी इसलिए इस स्थान का नाम प्रियदर्शनी रखा गया वहाँ से पूरी पचमढ़ी घाटी का नजारा देखा जाता है यह पॉइंट सूर्यास्त देखने की सबसे अच्छी जगह है।
हाँडी खोह पचमढ़ी जंगल में एक खंड है जो आश्चर्यजनक प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है । इसमें 300 फीट ऊंचा आवक्षेप है जो ऊंची और नीची चट्टानों से घिरा है । छात्र-छात्राओं ने वहां पर अपने शिक्षकों के साथ पेड़ पौधों एवं विभिन्न वनस्पतियों का अध्ययन किया।
इसी क्रम में सतपुड़ा के खूबसूरत पर्वत पर स्थित पचमढ़ी में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने राजेंद्रगिरी उद्यान की स्थापना की थी, जिसमें छात्र-छात्राओं ने विभिन्न पुष्पों एवं प्राकृतिक खूबसूरती का अवलोकन किया।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ