फराज अंसारी
बहराइच: विधानसभा क्षेत्र बलहा अन्तर्गत उर्रा कारीकोट मन्दिर के मैदान में आयोजित मत्स्य पालकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रदेश के मा. मंत्री, मत्स्य/प्रभारी मंत्री जनपद बहराइच डॉ. संजय कुमार निषाद ने कहा कि प्रदेश के मत्स्य पालकों/मछुआ समुदाय (परम्परागत मत्स्य आखेटक केवट, मल्लाह, निषाद, बिन्द, धीमर, कश्यप, बाथम, रैकवार, मांझी, गोडिया, कहार, तुरैहा, तुराहा अथवा कोई अन्य व्यक्ति जो एक वर्ष अथवा उससे अधिक अवधि से मत्स्य पालन या मात्स्यिकी क्रिया-कलापो से सक्रिय रूप से जुड़कर अपना जीविकोपार्जन करने वाले व्यक्ति उत्तर प्रदेश मत्स्य पालक कल्याण कोष योजना का लाभ प्राप्त कर अपना जीवन स्तर सुधार सकते हैं।
डॉ. निषाद ने मत्स्य पालकों का आहवान किया कि निःशुल्क मछुआ सामूहिक दुर्घटना बीमा योजना का भरपूर लाभ उठायें। बीमा योजना अन्तर्गत मत्स्य गतिविधियों में सक्रिय 18 से 70 वर्ष के महिला/पुरुष मत्स्य पालक को दुर्घटनाजनित मृत्युः अथवा पूर्ण पूर्ण स्थायी निःशक्तता की दशा में रू. 5.0 लाख, स्थायी आंशिक निःशक्तता की दशा रू. 2.5 लाख एवं आकस्मिक अस्पताल खर्च र्व हेतु रू. 25,000 तक आर्थिक सहायता का प्राविधान है। इसके लिए पीड़ित पक्ष को 90 दिनों में दुर्घटना की सूचना देनी होगी।
प्रभारी मंत्री डॉ. निषाद ने बताया कि देश के मा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी व प्रदेश के मा. मुख्यमंत्री जी मछुआ समुदाय के आथिक विकास के दृढ़ संकल्पित है। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा मछुआ समुदाय के लिए अनेकों योजनाएं संचालित की जा रही है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, किसानों की आय में वृद्धि एवं स्व-रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ग्राम सभा एवं अन्य पट्टे के तालाबों में निवेश एवं मत्स्य बीज बैंक की स्थापना हेतु राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत दो परियोजनाएं संचालित है। योजना में सभी वर्ग को 40 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य है।
प्रभारी मंत्री डॉ. निषाद ने बताया कि प्रदेश में मत्स्य पालको एवं मछुआरा समुदाय के व्यक्तियों को मत्स्याखेट एवं नदियों/जलाशयों में मत्स्य प्रबंधन व संरक्षण के माध्यम से रोजगार एवं आजीविका के लिए जलाशयों, तालाबों, नदियों एवं अन्य जल स्रोतों में मछली पकड़ने हेतु बिना इंजन की नाव (नॉन मोटोराइज्ड), जाल, लाइफ जैकेट एवं आइसबाक्स आदि पर 40 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य है।
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