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सोशल मीडिया में चिट्ठी वायरल,एसडीएम से मांगी गई अजीबो गरीब अनुमति, पूरा मामला जानकर होगी हैरानी



डेस्क:सोशल मीडिया पर एक चिट्ठी वायरल हो रही है जिसमें आवेदक ने एसडीएम से अजीबोगरीब अनुमति मांगी है, आवेदक के अजीबोगरीब अनुमति के कारण यह चिट्ठी रोचक बन गई और सोशल मीडिया में ट्रेड करते हुए वायरल होने लगी।

 आपने अभी तक बड़े कार्यक्रमों के आयोजन, जुलूस, धार्मिक उत्सव आदि के लिए प्रशासन से अनुमति मांगने के बाबत देखा हुआ सुना होगा। लेकिन यह अजीबोगरीब मामला है जिसमें आवेदक में उपजिलाधिकारी से किसी ऐसे आयोजन की अनुमति न मांग कर बल्कि अपने विपक्षी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए अनुमति मांगी है। जिसमे यह भी कहा है कि अपने काम को अंजाम देने के बाद वह खुद को शहर कोतवाल के समक्ष पेश कर देगा।

मामला उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद अंतर्गत सदर तहसील से जुड़ा हुआ है। जिसमे आवेदक ने एसडीएम से एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र के ब्यूरो चीफ को माइक लगा कर गाली देने की अनुमति मांगी है।

वायरल चिट्ठी

सोसल मीडिया पर वायरल हो रही चिट्ठी में लिखा गया है कि “आवेदक ने अपना नाम व पिता के नाम के साथ स्वर्गीय लिखते हुए  प्रतापगढ़ का निवासी बताया है।जिसमे कहा है दिनांक 9 जनवरी 2024 को मेरी भूमिधरी भूमि जो कि तहसील क्षेत्र में स्थित है उस पर बिना कोई कारण बताये बुलडोजर चला दिया गया। जिस पर एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र द्वारा बिना तथ्यों की पड़ताल किये मुझे भू माफिया और मेरी भूमि को सरकारी बताया गया। जिसका लीगल नोटिस मैने समाचार पत्र को भेज दिया है, उक्त समाचार पत्र से मेरी प्रतिष्ठा धूमिल हुई है उसके विरोध स्वरूप 15 जनवरी 2024 को दिन में 12:00 बजे सम्मानित समाचार पत्र कार्यालय के सामने माइक लगाकर व्यूरो चीफ व जिला संवाददाता को दो घंटे तक मां बहन की गालियां देना चाहता हूं और यह विश्वास दिलाता हूं कि बहुत इच्छा होने पर भी प्रार्थी न तो जूते से मारेगा और न कोई धमकी देगा। कार्यक्रम के पश्चात स्वयं को शहर कोतवाल के समक्ष प्रस्तुत कर देगा, ताकि मेरा सुसंगत धारा में चालान हो सके। आवश्यक अनुमति देने की कृपा करें। चिट्ठी में आवेदक ने अपना नाम पता व मोबाइल नंबर के साथ हस्ताक्षर भी किया है। संबंधित सम्मानित समाचार पत्र के नाम का जिक्र करते हुए प्रकाशन कार्यालय को भी प्रति जारी की है। 

बोले एसडीएम

वही इस बाबत एसडीएम सदर उदय भान सिंह ने दूरभाष पर बताया कि गाली देने की अनुमति किस धारा के तहत दी जाए, मुझे खुद मालूम नही है, वही एसडीएम ने यह भी कहा कि चिट्ठी हमारे कार्यालय तक नहीं आई है, केवल व्हाट्स ऐप पर चल रही है।



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