अखिलेश्वर तिवारी
पीड़ित के बेटी की हत्या के आरोप में पिता को ही जेल भिजवाने की धमकी देकर साले और साले के लड़के ने मिलकर फूफा से एक लाख रुपया वसूल लिया। इसके बावजूद भी एक लाख रुपए की और मांग कर रहे हैं। साले और सरपुत के धमकी से तंग पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक से मिलकर गुहार लगाई। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया।
मामला उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जनपद अंतर्गत हरैया थाना क्षेत्र के नेवलागंज अंतर्गत बलवन्ता गांव का है। चन्द्रप्रकाश पाण्डेय पुत्र साधूराम पाण्डेय जीविकोपार्जन के लिए मध्य प्रदेश के सतना में मेहनत मजदूरी करता है। वह काम करने के उद्देश्य सतना में मौजूद था तभी बीते वर्ष 14 दिसंबर को पीड़ित की 17 वर्षीय पुत्री दीपा पान्डेय ने अपने पेट की बीमारी से तंग होकर गांव में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। बेटी की आत्महत्या की सूचना पर घर पहुंचे पीड़ित पिता ने विधिक कार्रवाई करते हुए अंतिम संस्कार किया था।
पहली बीवी के मौत बाद की थी दूसरी शादी
पीड़ित के अनुसार 17 वर्ष पूर्व जब उसकी बेटी महज 3 माह की थी, तभी उसके पहली पत्नी की हैजा की बीमारी से मौत हो गई थी। इसके बाद उसने वर्ष 2007 में दूसरी शादी की। इस दौरान बेटी को इंटर तक की शिक्षा भी दिलाई। दूसरी बीवी से दो लड़के और एक लड़की ने जन्म लिया।
दो लाख की मांग
पीड़ित का आरोप है कि पहले बीवी के मौत के बाद ससुराल में आना-जाना नहीं होता था, पहली बीवी का भतीजा आकाशा तिवारी पुत्र बाबूराम तिवारी बार बार डरा धमका रहा है कि उसने अपनी बेटी दीपा की हत्या कर दी है, और सुलह के नाम पर 2 लाख रुपये की माँग कर रहा है।
एक लाख रुपया लेने के बाद भी मांग जारी
मृतका के मौत के बाद पुलिस के द्वारा कराए गए पोस्टमार्टम में मौत का कारण फांसी मिलने के बावजूद आरोपी उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र देकर पीड़ित को शिकायती पत्र की प्रति दिखाते हुए संतोष कुमार पान्डेय पुत्र ज्वाला प्रसाद पान्डेय के खाते में एक लाख रुपए ले लिया। कहा कि जिससे वह मृतका का मंदिर बनवाएगा। एक लाख रुपये लेने के वावजूद भी आकाश तिवारी और उसका पिता बाबूराम तिवारी एक लाख रुपये की और माँग कर रहा है।
पुलिस अधीक्षक के आदेश के अनुसार हरैया पुलिस ने आरोपी पिता पुत्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दिया है।
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