वेदव्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़ :पुरानी पेंशन बहाली हमारे बुढ़ापे की लाठी, पुरानी पेंशन हमारे बुढ़ापे की दवाई, पुरानी पेंशन हमारे बुढ़ापे की आन बान शान और बुढ़ापे की हर समस्या का समाधान भी है! बन्धुओं यह संघर्ष सीधे सरकार और शिक्षक, कर्मचारियों,अधिकारियों एवं उनसे जुड़े हुए सकल परिवारों की है। निजीकरण से युवाओं, बेरोजगारों और हम सभी को मिलकर लड़ना होगा! पढ़ें लिखे बुद्धिजीवी वर्ग को इस लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान करना होगा।यह विचार एन.एम.ओपीएस राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय बन्धु जी ने वाराणसी से लखनऊ की यात्रा के दौरान सांयकाल प्रमुख पड़ाव बेल्हा-प्रतापगढ़ जं० पर स्वागत अभिनन्दन के दौरान ब्यक्त किया।राष्ट्रीय अध्यक्ष बन्धु जी ने कहा कि केन्द्र सरकार ओपीएस पेंशन देना और निजीकरण बंद नहीं करना चाहती है,जब कि शिक्षक, कर्मचारी,अधिकारी सहित सभी ओपीएस पेंशन लेना चाहते हैं और निजीकरण बन्द करवाना चाहते हैं।माण्डलिक मंत्री डा०विनोद त्रिपाठी ने कहा कि हम सरकारों की उदासीनता के खिलाफ तभी लड़ सकते हैं जब हम पूरे देश के सभी शिक्षक, कर्मचारी और अधिकारी अपनी एकजुटता दिखायेगे! हम सबको मिलकर एक देश में एक विधान, ओपीएस पेंशन एक समान को चरितार्थ करना होगा।जिला संयोजक सीपी राव ने रेलवे कर्मियों के साथ हुई मीटिंग में कहा कि यदि सरकार हठधर्मिता नहीं छोड़ती है तो हमें लोकतान्त्रिक तरीके से आगामी लोकसभा चुनाव में एकजुट होकर मतदान करना होगा! जो हमारे मुद्दों- पुरानी पेंशन बहाली और निजीकरण नियन्त्रण करेगा उसी का समर्थन करना होगा।जिला संयोजिका श्रीमती पार्वती विश्वकर्मा ने बताया कि चुनाव अधिसूचना के पूर्व अटेवा द्वारा चार महत्वपूर्ण कार्यक्रम- ओपीएस निजीकरण जन संवाद , मतदाताजागरूकता, ट्यूटर अभियान और चौथा कार्यक्रम है - 4 फरवरी, 2024 (रविवार ) को "रन फार ओपीएस" लखनऊ में है।इस अवसर पर ज्ञान प्रकाश, सह-संयोजक विनय कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष सुरजीत कुमार, सोशल मीडिया प्रभारी विश्व दीप सिंह, जितेंद्र यादव, प्रदीप विश्वकर्मा, विजय शंकर गुप्ता, डॉक्टर दिनेश वर्मा , ज्ञान शर्मा सदर, मंजीत सरोज , सोसाइटी निदेशक रमेश यादव, चंद्रजीत यादव, बसंत सरोज, राम आसरे -पंचायती राज एवं अखिलेश कुमार आदि शामिल रहे।
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