अर्पित सिंह
गोंडा: दो पक्षों के बीच हुई मारपीट में एक पक्ष को गंभीर चोटें आई हैं। एक महिला समेत तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। दूसरे पक्ष के लोगों को मामूली चोटे आई हैं। लेकिन जिस पक्ष को गंभीर चोटें आई हैं। पुलिस ने उन लोगों का मामूली धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया। जबकि एक युवक की हालत गंभीर होने पर उसे लखनऊ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है। दो का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। मनकापुर पुलिस ने इस मामले में दोनों पक्षों का क्रॉस केस लिखकर मामला रफा दफा कर दिया। जबकि दूसरे पक्ष को हल्की-फुल्की चोटे आई है।
गोंडा जिले के मनकापुर थाना क्षेत्र के गांव किशुनदासपुर के मजरा देवियापुर के रहने वाले परमात्मा मौर्य ने पुलिस को दिए गए तहरीर में कहा है कि गांव के रहने वाले पड़ोसी परमहंस मौर्य उनके बेटे राजू और कृष्ण मौर्य तथा मनोज लाठी डंडों से लैस होकर पहुंचे और मेरे बेटे को गाली गलौज देने लगे। जब मेरे बेटे ध्रुव कुमार ने गाली देने से मना किया तो लाठी डंडों और लोहे की राड से सभी लोग मिलकर मारने लगे। भाई को बचाने दौड़ा दीनानाथ और उनकी बहू मोनी को भी इन लोगों ने जमकर मारा पीटा जिससे दोनों बेटे तथा बहू गंभीर रूप से घायल हो गई। पीड़ित ने बताया कि मामले में पुलिस को सूचित किया गया, डायल 112 और मनकापुर पुलिस मौके पर पहुंची। इस दौरान लड़का ध्रूप बेहोश था। इस लिए पुलिस के मौजूदगी में ही घायल को लेकर सामुदायिक स्वास्थ केंद्र मनकापुर लाया गया। जहां चिकित्सकों ने गंभीर दशा में जिला मुख्यालय रिफर कर दिया। इसके बाद मनकापुर पुलिस ने परिजनों को फोन करके घायलों को मनकापुर कोतवाली बुलाया। पीड़ित पिता जिला मुख्यालय से सभी घायलों को लेकर थाने पर गया। तब मनकापुर पुलिस ने सिपाही के साथ इलाज के लिए फिर सीएचसी भेजा। जिसके बाद चिकित्सकों ने रात में जिला अस्पताल रिफर किया। यहां पर बेटे ध्रुव कुमार की हालात अत्यधिक सीरियस हो गई। मारपीट का मामला जानकर डॉक्टर ने अस्पताल में भर्ती लेने से मना कर दिया। कहां गया कि जाकर पुलिस से लिखा कर लाओ। रात में ही प्रार्थी मनकापुर आया यहां से लिखाकर ले गया। तब वहां पर डॉक्टर ने बहू और दोनों बेटों को भर्ती किया। ध्रुव कुमार की हालत गंभीर होने पर उसे लखनऊ रेफर कर दिया गया है। जहां उसका इलाज चल रहा है। जबकि एक बेटे और बहू का इलाज अस्पताल में चल रहा है। इतनी गंभीर चोट होने के बाद भी मेरा मुकदमा दूसरे दिन लिखा गया। जबकि जिन लोगों ने मारा पीटा था। उन्हें कोई चोट भी नहीं आई है। उनका एनसीआर राजनीतिक दबाव में रात में ही लिख दिया गया। फिलहाल सच्चाई कुछ भी हो लेकिन इस मामले को लेकर मनकापुर पुलिस पर आरोप लग रहे हैं।
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