गोंडा:लेखपाल ने विपक्षियों से मिल कर कागजों में जमकर खेल खेला। जब पीड़ित मामले में न्याय पाने के लिए भाग दौड़ करने लगा तब विपक्षियों ने एक बड़ी शाजिस रची। फर्जी बलात्कार के मुकदमे में पीड़ित को जेल भेजवा दिया। मामला फर्जी साबित होने के बाद पीड़ित बरी हो गया। जिसके बाद पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक के जनसुनाई में गुहार लगाई। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने लेखपाल सहित दर्जन भर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया।
गोंडा जनपद के देहात कोतवाली पुलिस अंतर्गत भदुवा तरहर गांव के रहने वाले रामचन्दर पुत्र गंगाधार अवस्थी का आरोप है कि गांव में स्थित उसके पिता के नाम की संपत्ति गाटा सं0 57 व 65 में आकार पत्र 45 में उसके पिता का नाम दर्ज था। लेकिन खतौनी में नाम नही दर्ज हो पाया था। जिसकी दुरुस्ती करने के लिए पीड़ित के पिता ने दुरुस्ती का वाद दायर किया। जिसके उपरांत फसली वर्ष 1381-86 की खतौनी में पीड़ित के पिता का नाम दर्ज हुआ। जिसके उपरांत गांव के विपक्षी बृजेश कुमार अवस्थी एडवोकेट ने अपने साथियों के सहयोग से उक्त आदेश में फर्जी तरीके से पीड़ित के पिता के नाम के साथ आदि दर्ज कराकर अपने पिता मुरलीधर अवस्थी को आधी संपति का वारिस बना दिया। आरोप है कि बृजेश कुमार अवस्थी ने अपने पिता से उक्त संपत्ति का बैनामा अपनी पत्नी विमलेश के नाम करा दिया। जब पीड़ित ने मामले में अपने पिता की मृत्यु के उपरांत पैरवी करना प्रारंभ किया तो, विपक्षी अपने अधिवक्ता साथियों और महिलाओं से पीड़ित के खिलाफ कई फर्जी बलात्कार के मुकदमे दर्ज करा दिए। जिससे वह जेल चला गया, बाद में मुकदमो में बाइज्जत बरी होने बाद पीड़ित ने पुनः पैरवी करना प्रारंभ किया।
मामले में देहात कोतवाली पुलिस ने आरोपी अधिवक्तागण, तत्कालीन लेखपाल राम पदारथ सहित दर्जन भर लोगों के खिलाफ विभिन्न गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दिया है।
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