कृष्ण मोहन
पंखों से नहीं हौसलों से उड़ान होती है। सपने उन्हीं के साकार होते हैं। जिनके सपनों में जान होती है। यह कहावत गोंडा जिले के एक होनहार ने पीसीएस परीक्षा पास कर अपने माता-पिता के साथ जिले का नाम रोशन किया है। सेल्फ स्टडी और मुफ्त कोचिंग के बलबूते परीक्षा पास इस होनहार ने यह साबित कर दिया है, कि प्रतिभा संसाधन की मोहताज नहीं होती है।
गोंडा जिले के एक छोटे से कस्बा परसपुर भौरीगंज के रहने वाले रामशरन सोनी के बेटे धर्मवीर ने कर निर्धारण अधिकारी बन युवाओं के लिए एक मिसाल बन गए हैं। सबसे खास बात यह है कि इस परीक्षा को पास करने के लिए धर्मवीर ने किसी महंगे कोचिंग संस्थान में दाखिला नहीं लिया। धर्मवीर के पिता रामशरन सोनी परसपुर कस्बे में एक छोटी सी परचून की दुकान चलाते हैं। धर्मवीर समाज कल्याण विभाग की तरफ से संचालित मुफ्त कोचिंग और सेल्फ स्टडी के बलबूते यह मुकाम हासिल किया है। उनके संघर्ष की कहानी सुनकर हर कोई उनकी प्रतिभा का लोहा मानता है। धर्मवीर बताते हैं कि दृढ़ इच्छा शक्ति के बल पर कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। मंजिल खुद आपका इंतजार करने लगती है। उन्होंने कहा कि यह सफलता उन्हें तीसरे प्रयास में मिली है। वह दिन की अपेक्षा रात में पढ़ाई करना बेहतर समझते हैं। रात दो बजे तक पढ़ाई करने के बाद सुबह 10 बजे सोकर उठना तथा क्रिकेट खेलना उनका शौक था।
धर्मवीर ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थित ठीक न होने के कारण लखनऊ के एक मुफ्त कोचिंग सेंटर में पढ़ाई के साथ काम करते थे। प्रीलिम्स के लिए पांच से छह घंटे तथा मेन्स के लिए कम से कम 11 घंटे पढ़ाई करने पर सफलता मिली है। यूपी पीसीएस का परिणाम आने के बाद धर्मवीर को टैक्स असेसमेंट ऑफिसर कैटेगरी में सातवां स्थान हासिल हुआ।
पढ़ाई के दौरान तत्कालीन जिलाधिकारी से मिली प्रेरणा
पीसीएस अधिकारी बन अपने माता-पिता के साथ जिले का नाम रोशन करने वाले धर्मवीर बताते हैं कि वर्ष 2018 में एलबीएस महाविद्यालय में स्काउट का छात्र थे। एक कार्यक्रम में उनकी तत्कालीन डीएम जेबी सिंह से मुलाकात हुई। बातचीत के दौरान जिलाधिकारी ने इनका उत्साहवर्धन किया और यही से प्रेरणा मिली। उनका कहना है कि अभी पीसीएस में चयन हुआ है। आईएएस बनने का सपना है। उन्हें पूरा विश्वास है कि उनका यह सपना जल्द ही साकार होगा।
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