कृष्ण मोहन
गोंडा:गन्ने के खेत में नवजात के रोने की आवाज सुनकर महिला सन्न रह गई। आवाज के दिशा में आगे बढ़ती गई तो देखा कि एक नवजात किलकारी मारकर रो रहा है। नवजात मासूम मामूली कपड़े में लपेटा हुआ था। जिसको महिला ने उठाकर सीने से लगा लिया और घर के तरफ चल पड़ी। महिला के घर पहुंचने के बाद गन्ने के खेत में नवजात मिलने की सूचना गांव में जंगल के आग की तरह फैल गई। इसके बाद नवजात बच्चे को देखने के लिए गांव की भीड़ इकट्ठा हो गई। इसी बीच किसी ने स्थानीय पुलिस को मामले से अवगत कराया। नवजात के मिलने की सूचना पाकर खोंडारे पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। इसके बाद नवजात का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। चिकित्सकों ने नवजात को स्वस्थ व सामान्य पाया।
बता दे कि इन दिनों कड़ाके की ठंड चल रही है, ऐसे में नवजात शिशु का हल्के से कपड़े गन्ने की खेत में पड़ा रहना, और चिकित्सकों के स्वास्थ परीक्षण में शिशु का स्वस्थ पाया जाना किसी ईश्वरीय चमत्कार से कम नहीं है। मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार के सुबह 9:00 बजे खोड़ारे थाना क्षेत्र के बैजपुर गांव की रहने वाली महिला आसमा खातून खेत में गई थी, इसी दौरान उसे गन्ने के खेत में नवजात शिशु के रोने की आवाज सुनाई पड़ी। वही ग्रामीणों का कहना है कि आसमा खातून के भाई मोहम्मद अहमद निसंतान हैं। जिसे कुदरत ने चमत्कार दिखाते हुए उसे औलाद का सुख प्राप्त करने का मौका दिया है।
कड़ाके के ठंड में गन्ने के खेत में नवजात के मिलने को लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। लोग कह रहे हैं कि आखिर किस निर्मोही मां ने अपने कलेजे के टुकड़े को इस भीषण ठंड में कपड़े में लपेटकर गन्ने के खेत में फेंक दिया। वही कुछ ऐसी भी चर्चाएं सुनने को मिली कि किसी कलंकिनी मां ने अपने दामन का कलंक छुपाने के लिए अपने कलेजे के टुकड़े को गन्ने के खेत में फेंक दिया होगा।
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