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BALRAMPUR...उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को दिया गया प्रमाण पत्र



अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर मे 13 जनवरी, 2024 को शहर के अंग्रेजी माध्यम विद्यालय पॉयनियर पब्लिक स्कूल एंड कॉलेज में ‘‘भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा‘ अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज हरिद्धारा जनपद शाखा बलरामपुर में पूर्व आयोजित भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा 7 अक्टूबर, 2023 को आयोजन किया गया था, जिसमें लगभग 80 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया था। परीक्षा मे लगभग 70 छात्र-छात्राओं को उत्तीर्ण घोषित किया गया। उत्तीर्ण छात्र छात्राओ को गायत्री परिवार शाखा बलरामपुर द्वारा आये हुए दिलीप कुमार श्रीवास्तव, शिव कुमार कश्यप एवं सुनील कुमार वर्मा ने विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डॉ0 एम0पी0 तिवारी के नेतृत्व में विद्यालय के छात्र-छात्राओं को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया।


‘‘भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा‘ में कक्षा-5 से कक्षा-12 तक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया था, जिसमें कक्षा-5 से यति प्रकाश, पुष्कर, सक्षम, स्वीकृति, अविरल, श्लोक, अदिती, रिद्धी, कक्षा-6 से अरित्र प्रकाश, दिव्यांश, सुभी, आयुष, आराध्या, नैनसी, आशिता, अलीशा, सबा, कक्षा-7 से देवांश, सिद्धी, सूरज, हर्ष, मो आमिर, कक्षा-8 से गरिमा, आयुश, इलमा, दिशा, अंश, सौर्य, प्रखर, कीर्ति कक्षा-9 से स्नेहाशीष, अदिती, पूर्वी, आयुश, शिवम, हेमंत, स्वारा, विभा, महिमा, यशी, कक्षा-10 से फरहत, दर्शिका, कृष्णा, फैजा, सिद्धार्थ, पलक, माशू, अदिती, उत्कर्ष, यश, कक्षा-11 से आराध्या, असरफ, वैभव, मंदिरा, साक्षी, वर्तिका, शिवांगी, सौभांगी, श्रृद्धि, कक्षा-12 पंकज, आकृति, प्रियंका, रूपेद्र, नुजहत, आलोक, हर्षित, अनामिका, देवांशी, ओजस्वी एवं रूचिका को अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज हरिद्धारा जनपद शाखा बलरामपुर से आये हुए सम्मानित अतिथियो ने छात्र-छात्राओं को ‘‘पानी एवं वाणी‘‘ का उदाहरण देकर संस्कार और नैतिकता का पाठ पढ़ाया। विद्यालय के प्रबंध निदेशक डॉ एम पी तिवारी ने समस्त छात्र-छात्राओं को बताया कि भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन एवं महान संस्कृति है जिसकी मिसाल पूरी दुनिया मे दी जाती है। भारतीय संस्कृति सार्वधिक संपन्न और समृद्ध है और अनेकता में एकता ही इसकी मूल पहचान है। भारत ही एक ऐसा देश है जहां एक से ज्यादा जाति, धर्म, समुदाय, लिंग, पंथ आदि के लोग मिलजुल कर रहते है और सभी अपनी-अपनी परंपरा और रीति-रिवाजों का पालन करने के लिए स्वतंत्र है। भारतीय संस्कृति का विज्ञान, राजनीति, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के क्षेत्रों में हमेशा ही एक अलग स्थान रहा है। भारतीय संस्कृति में मानवीय मूल्यों नैतिक मूल्यों, शिष्टाचार, आदर, गुरूओं का सम्मान, अतिथियों का सम्मान, राजनीति, दर्शन, धर्म, समाज, परंपराएं, रीति रिवाज, सौंदर्य बोध, आध्यात्मिकता, का बेहद खूबसूरत तरीके से समावेश किया गया है। भारतीय संस्कृति के महत्व को आज की पीढ़ी को समझाने के लिए कई बार स्कूल-कालेजों मे आयोजि परीक्षाएं अथवा निबंध लेखन प्रतियोगिताओं में भारतीय संस्कृति के विषय पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है। इस अवसर पर विद्यालय के उप प्रधानाचार्या प्रधानाचार्य शिखा पाण्डेय, राघवेन्द्र त्रिपाठी सहित समस्त अध्यापक अध्यापिकाओं ने उपस्थित होकर कार्यक्रम को संपन्न कराया ।

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