गोंडा।सरयू नहर खंड गोंडा के जिम्मेदारों की मिली भगत से नामित ठेकेदार द्वारा मनकापुर के अंधियारी में सरकारी नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए लाखों राजस्व की क्षति करके भूमि संरक्षण अधिनियम की हवा निकालने में लगे हैं। और जहां नियमानुसार राजस्व की क्षतिपूर्ति करते हुए परमिशन ले करके मिट्टी खदान करके कार्य को पूरा करना चाहिए, वहीं दूसरी तरफ सरयू नहर के नामित ठेकेदार अपने विभागीय अधिकारियों के संरक्षण के चलते मनकापुर के अंधियारी/परसहवा में नियम कानून को ताख पर रखकर नहर से काफी दूर से अवैध रूप से मिट्टी का खनन कराकर अपने कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। जबकि जिलाधिकारी गोंडा ने पूर्व में ही स्पष्ट आदेश जारी कर रखा है कि किसी भी तरीके से कहीं कोई अवैध मिट्टी खनन नहीं होनी चाहिए। और कुछ नामित स्थान पर मिट्टी खनन के परमिशन का भी ब्योरा देकर बताया था,कि इन स्थानों पर परमिशन दिए गए हैं।इनके अन्यथा जनपद में कोई परमिशन नहीं है,इसके बावजूद भी नहर विभाग में उल्टी हवा बह रही है।और विभाग के जिम्मेदार पूछने पर कन्नी काटते हुए कहने लगे कि होना क्या चाहिए।यह भी बताया जाए।संवाददाता द्वारा उत्तर दिया गया कि राजस्व की क्षतिपूर्ति करते हुए खनन की परमिशन लेकर ही मिट्टी खनन कराई जा सकती है।जिसके संबंध में पूर्व में जिलाधिकारी ने स्पष्ट आदेश जारी कर रखा है।तब जाकर नहर विभाग जिम्मेदार बैक फुट पर आए और कहने लगे ठीक मैं देखता हूं और अभी बात करके बताता हूं।बहरहाल ऐसे जिम्मद द्वारा गैर जिम्मेदाराना रवैया से जहां सरकार के लाखों रुपए राजस्व की छति होती है।वन्ही दूसरी तरफ भूमि संरक्षण अधिनियम की धज्जियां उड़ रही है।और क्षेत्र में लोगों के बीच तरह-तरह के प्रश्न गूंज रहे हैं।कि यदि कोई गांव का व्यक्ति दरवाजा पाटने के लिए दो ट्राली मिट्टी लाता है, तो खनन के परमिशन की आवश्यकता होती है। लेकिन यहां सैकड़ो ट्रॉली मिट्टी लाई जा रही है इनकी परमिशन क्यों नहीं हुई।
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