कृष्ण मोहन
मनकापुर (गोंडा) नगर पंचायत मनकापुर के जवाहर नगर भट्ट पुरवा मोहल्ले में श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन पंडित हरिलाल शास्त्री ने श्री कृष्ण सुदामा के मित्रता की सुंदर कथा का वर्णन करते हुए कहा मित्र सुदामा की पत्नी सुशीला ने गरीबी से तंग आकर सुदामा से कहा कि श्री कृष्ण आपके बचपन के मित्र हैं। आप उनके पास जाइए और अपनी पीड़ा उन्हें बताइए। सुदामा पहले तो नहीं माने किंतु सुशीला के बार-बार कहने पर सुदामा कृष्ण से मिलने द्वारिका की तरफ चल पड़े। द्वारिका पहुंचकर सुदामा ने द्वारपालो से कहा की श्री कृष्ण हमारे बचपन के मित्र हैं उन्हें जाकर आप हमारा संदेश दे दो। द्वारपाल नहीं मान रहे थे किंतु बार-बार सुदामा के कहने पर द्वारपालों ने जाकर जैसे ही श्री कृष्ण को बताया सुदामा नाम का एक ब्राह्मण आपको अपने बचपन का मित्र बताकर आपसे मिलने का अनुरोध कर रहा है, सुदामा का नाम सुनते ही भगवान श्री कृष्ण नंगे पांव दौड़ पड़े और सुदामा को गले लगा कर महल में लाकर अपने सिंहासन पर बिठाकर मित्र की दशा को देखकर बहुत ही दुखी हुए। उन्होंने अपने आंख के आंसुओं से सुदामा के पैरों को धोया उनका तंदुल खाकर दो लोक उन्हें दे दिए, तीसरा मुट्ठी तंदूल खाना ही चाहते थे कि रुक्मणी जी ने हाथ पकड़ लिया। कृष्ण और सुदामा की मित्रता की मिसाल दुनिया में और दूसरा कोई नहीं है, श्री कृष्ण ने सुदामा जी के नगर को सुंदर बनवा दिया। सुदामा ने भगवान से कहा प्रभु अगर हमें आप राजा बना देंगे तो मैं आपकी पूजा नहीं कर पाऊंगा, भगवान ने कहा सुदामा यह धन हमने तुम्हें दिया है जब तक तुम यह समझोगे यह धन भगवान का है, तब तक वह धन तुम्हारा नहीं रहेगा। तुम पूजा पाठ करो और सुखी जीवन व्यतीत करो। पंडित हरिलाल शास्त्री ने कहा भगवान श्री कृष्ण ने तमाम लीलाएं की श्रीमद् भागवत पुराण सुनने से आदमी को मोक्ष प्राप्त होता है। इस अवसर पर नगर पंचायत मनकापुर के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार बबलू सोनी, शास्त्री नगर के सभासद वैभव सिंह, गांधीनगर के सभासद राजेश मौर्य, डॉक्टर सीएस श्रीवास्तव, सर्वेश भट्ट सैकड़ो की तादात में महिलाएं तथा अन्य गणमान्य मौजूद रहे। कथा का आयोजन स्वामी विवेकानंद इंटर कॉलेज के नियंत्रक राम हौसिला शर्मा और उनकी पत्नी के द्वारा किया गया।
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