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हेटस्पीच के जरिये राजनैतिक लाभ लेने वालों को चुनाव लड़ने से किया जाय प्रतिबन्धित:प्रमोद तिवारी



राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता ने हेटस्पीच के महत्वपूर्ण विषय पर वक्तव्य में संवैधानिक पदों पर बैठे जिम्मेदारों को भी कानूनी कार्रवाई की जद में लाने की उठाई आवाज

अभय शुक्ला 

लालगंज, प्रतापगढ़। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने राजनैतिक लाभ के लिए हेटस्पीच को देश के लिए अत्यन्त संवदेनशील व ज्वलंतशील गंभीर मुददा करार देते हुए इस पर कड़े कानून की आवश्यकता पर जोर दिया है। गुरूवार को राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने इस महत्वपूर्ण विषय को जोरदार तरीके से उठाते हुए कहा कि हेटस्पीच के कारण देश में दंगे फसाद तथा उत्तेजना का माहौल बढ़ना गंभीर चिन्ता का विषय है। उन्होने सदन में दिये गये अपने वक्तव्य में कहा कि संविधान में अनुच्छेद पचीस सभी को अपने धर्म और आस्था का अधिकार प्रदान करता है। वरिष्ठ सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि पूर्व योजित ढंग से अगर किसी के धर्म व आस्था को ठेस पहुंचायी जाय तो अभी आईपीसी की धारा में एक सौ तिरपन के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है। विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि चिन्ताजनक स्थिति फिर भी यह है कि कानून की अस्पष्टता के कारण सिर्फ राजनैतिक लाभ हासिल करने के लिए इसका जमकर दुरूपयोग हो रहा है। उन्होंने विधि आयोग की रिर्पाेट के हवाले से सदन को बताया कि बीते वर्ष 2014 मंे तीन सौ तेईस हेतस्पीच से जुड़े मामले को लेकर मुकदमा दर्ज हुआ है। वहीं 2020 में यह छः गुना बढ़कर अठारह सौ चार के आंकड़े पर पहुंच गया। सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि 2022 में हेटस्पीच को लेकर पन्द्रह सौ तक मामले दर्ज हुए हैं। उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों में चिन्ताजनक सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश की तस्वीर बयां हो रही है। उत्तर-प्रदेश में बकौल प्रमोद तिवारी हेटस्पीच के सर्वाधिक मुकदमें दर्ज हुए हैं। श्री तिवारी ने संसद में हेटस्पीच को लेकर सख्त कानून बनाए जाने की मांग उठाते हुए सरकार से कहा कि वह हेटस्पीच पर एक ऐसा कठोर कानून लाये जिसमें हेटस्पीच देने वाले लोग आम चुनाव लड़ने से प्रतिबन्धित किये जांय। वहीं राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि कानून में यह भी सख्त प्राविधान होना चाहिए कि संविधानिक पदों पर बैठे हुए जिम्मेदार लोग यदि ऐसा करें तो उनके विरूद्ध भी कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाये। विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने संसद के जरिए सरकार से कहा है कि हेटस्पीच के मामले जिस तरह से उत्तरोत्तर वृद्धि की ओर बढ़ रहे हैं तो संसद दलीय संकीर्णता से हटकर हेटस्पीच पर सख्त कानून का अविलम्ब संकल्प ले और सरकार का दायित्व है कि वह हेटस्पीच पर कड़ा से कड़ा कानून फौरन प्रभावी बनाए। उन्होनें स्पष्ट किया कि सामाजिक संरचना के ढ़ांचे को बिगाड़ने के लिए हेटस्पीच के जरिए देश में किसी को भी दंगे फसाद अथवा उत्तेजना का माहौल बनाने की कतई इजाजत नहीं होनी चाहिए। इधर राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने अपने बयान में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगा मेड़ी की हत्या की भी कठोर शब्दों में निंदा की है। उन्होनें कहा है कि दोषी चिन्हित हुए हैं और जांच चल रही है ऐसे में निष्पक्ष जांच के जरिए गोगा मेड़ी हत्याकाण्ड के दोषियों को कानून की नजर में ज्यादा से ज्यादा सजा मिलनी चाहिए। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजस्थान में सत्ता परिवर्तन होते ही अपराधियों को बढ़ावा देने सरकार की आहट पाकर यह दुःखद वीभत्स हत्याकाण्ड घटित हुआ है। उन्होनें कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार और अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते गोगा मेड़ी पूरी तरह सुरक्षित थे। जबकि वहां सरकार बदलने की आहट में अब अपराधी फिर बेखौफ हो उठे हैं। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी के वक्तव्य की जानकारी यहां मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से निर्गत हुई है।

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