पंश्याम त्रिपाठी /बनारसी मौर्या
गोंडा।पूस की पवित्र संगरांद के मौके पर गुरुद्वारा नवाबगंज में विशेष कीर्तन दरबार सजाया गया। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध शब्द-कीर्तन कार ज्ञानी दिगम्बर सिंह खालसा, देहरादून वाले रागी जत्थे ने गुरूग्रंथ साहिब की बांणियों का गायन कर संगतों को निहाल किया। तूं करता सचियार मैंडा साईं।अव्वल अल्लाह नूर उठाया कुदरत के सब बंदे, एक नूर ते सब जग उपजा, कौन भले कौन मंद्दे।भगतां की टेक तू संता की ओट तूं,सच्चा सिरजन हारा। हम नही चंग्गे,बुरा नही कोए।भगतां की ओट तूं,संतां की टेक तूं सच्चा सिरजन हारा। आदि शब्द कीर्तन एवं कथा के माध्यम से ज्ञानी दिगम्बर सिंह खालसा ने संगत को अध्यात्मिक संसार के दर्शन कराए। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सिरोपा भेंट कर रागी जत्थे को सम्मानित किया।इस मौके पर विशेष अरदास की गई। विशेष दीवान के उपरंत गुरु का अटुट लंगर वितरण किया गया, जिसमें नगर एवं आसपास की संगत ने प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में नवाबगंज गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष सरदार देवेंद्र सिंह सचदेवा,खजांची भूपेंद्र सिंह बधावन,गुरूबख्ख सिंह, अरविंद पाल सिंह बनावन, गुरदीप सिंह छाबड़ा,प्रतिपाल सिंह सलूजा,विंकल सिंह का विशेष योगदान रहा। विशेष कीर्तन दरबार में सरदार राजेंद्र सिंह बधावन राजे, सतबीर सिंह बधावन,सोनू होरा, सरदार दर्शन सिंह, डॉ.धर्मपाल कालरा, प्रांशु,प्रिंस, मनदीप सिंह सचदेवा, बीबी परम जीत कौर,सिमरन सचदेवा, सरदार बलजीत सिंह छाबड़ा, विम्मी होरा,खुशी, रश्मी सचदेवा,गुरजीत कौर, हरमिंदर कौर बेबी, सतपाल कौर सहित अन्य संगतों ने गुरु दर पर हाजिरी लगा के गुरूओं का आशीर्वाद प्राप्त किया।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ