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समाजवादी नेता फुरकान अंसारी ने दिया पार्टी की प्राथमिक सदस्यता व पद से इस्तीफा



इस्तीफे की वजह पार्टी में अंदरूनी कलह, आंतरिक गुटबाजी, व पार्टी के नेताओं द्वारा तानाशाही रवैये को बताया वजह

यूथ विंग से शुरुवात करने वाले फुरकान की छवि पार्टी के अलावा विपक्षियों में भी काफी प्रभावशाली रही है

अपने फेसबुक अकाउंट पर लेटर पैड डालकर लिखा अलविदा सपा



आनंद गुप्ता 

पलिया कलां खीरी:समाजवादी पार्टी के ज़िला उपाध्यक्ष फुरकान अंसारी ने अपने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया।ज़िलाध्यक्ष एवम प्रदेश कार्यालय को भेजे गए त्याग पत्र में फुरकान अंसारी ने लिखा है कि जनपद में पार्टी की आंतरिक गुटबाजी,वरिष्ठ नेताओं के तानाशाह पूर्ण रवैये तथा जन समस्याओं के प्रति निष्क्रियता से आहत होकर वह अपने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहे हैं।फुरकान अंसारी ने पार्टी के विभिन्न पदों पर रहते हुए एक मेहनतकश नेता की छवि बनाई थी अचानक उनके द्वारा दिये गए त्याग पत्र के कई मायने निकाले जा रहे हैं उल्लेखनीय है कि पार्टी में युथ विंग के जिला उपाध्यक्ष के रूप में अपने राजनैतिक जीवन की शुरआत करने वाले फुरकान अंसारी ने विधान सभा अध्यक्ष पलिया,ज़िला सचिव एवं जिलाउपाध्यक्ष के पद पर रहकर निरन्तर पार्टी के लिए काम किया।हालांकि वह एक बार पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के ज़िलाध्यक्ष भी बनाये गए किंतु जल्द ही उन्हें इस पद से हटा दिया गया था उस वक़्त वह मीडिया की सुर्खियों में रहे विभिन्न पदों पर रहते हुए फुरकान अंसारी की पहचान एक शालीन सभ्य और ईमानदार तथा एक प्रखर वक्ता के रूप में आज भी कायम है यदि उनके अपने समुदाय की बात की जाये तो यह भी कहा जा सकता है कि दशकों तक नगर पालिका अध्यक्ष के ज़िम्मेदारी हासिल करने वाले महमूद हुसैन के बाद फुरकान अंसारी अत्यधिक लोकप्रिय थे उनका यूं सपा को अलविदा कहना लोगो के गले नहीं उतर रहा है सूत्र बताते हैं कि जब से उन्हें अल्पसंख्यक के जिला अध्यक्ष पद से हटाया गया था तब से ही वह आहत थे अभी हाल ही में सपा के एक बड़े नेता रवि प्रकाश वर्मा ने भी पार्टी को अलविदा कहा है और उसके कुछ दिन बाद ही आज पार्टी के जिलाउपाध्यक्ष द्वारा अलविदा कहना कहीं न कही सपा के लिए नुकसानदायक हो सकता है।कयास लगाए जा रहे है कि वह कांग्रेस में जा सकते हैं परंतु उनसे  संपर्क करने पर उनके द्वारा बताया गया कि इस संदर्भ में अभी उनका कोई निर्णय नही है।बहरहाल जो भी वह सपा के लिए  नुकसान की संभावना को दर्शाता है।फुरकान अंसारी विभिन्न सामाजिक संग्घटनो में अलग अलग पदों पर रहकर चाहे व्यापार मंडल हो,भगत सिंह मानव सेवा संस्थान हो,प्रतिभा फाउंडेशन हो ,सबमे उनकी मेहनत और लगन ने  उनको एक उच्च स्थान दे रखा है।

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