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नवाबगंज के पहलवान वीर मंदिर में संतों ने डाला डेरा



पं श्याम त्रिपाठी/बनारसी मार्या 

नवाबगंज (गोंडा) चित्रकूट के संत गोविन्ददास की अगुवाई में 84 कोसी  परिक्रमार्थियों का जत्था ब्रहस्पतिवार को पहलवान वीर मंदिर पहुंचा।कार्तिक पूर्णिमा से प्रारम्भ परिक्रमा का संचालन श्री भगवत आराधना आश्रम चित्रकूट के महंथ कर रहे हैं। बुधवार को परिक्रमा पहलवान वीर मंदिर पहुंची । यहां मंदिर के महंथ व भक्तों ने फूल मालाओं से सभी का स्वागत किया। इसके पूर्व बुधवार को परिक्रमार्थी जमथा में रुके हुए थे।संचालक ने बताया कि यह परिक्रमा 28 नवंबर से प्रारम्भ हुई है जो कि 15 दिसंबर को मखौड़ा धाम पर पहुंचेगी। परिक्रमा में पूरे देश के कई प्रांतो के 150 संत शामिल हैं। इस समय परिक्रमा करने के विषय में उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर निर्माणाधीन है। इस गौरवपूर्ण क्षण में परिक्रमा करने का उनका पूर्व का संकल्प था। साथ ही शरद ऋतु में परिक्रमा करना बहुत ही आसान व सुलभ है। स्वास्थ्य के लिए भी हितकर है। उन्होंने कहा पहिले देश में  माहौल अच्छा नहीं था धर्म कार्य में भी निशाचर बाधा डालते थे किन्तु अब साधू संत सुरक्षित व स्वतंत्र हैं।



परिक्रमा कर रहा विलक्षण प्रतिभावन बालक

परिक्रमा में साढ़े 5 वर्षीय एक बालक को देखने के लिए भीड़ उमड़ रही है। जो कि अपनी विलक्षण प्रतिभा के लिए चर्चित है। इतनी कम आयु में बालक सृजन को गीता के श्लोक संस्कृत व अंग्रेजी में कंठस्थ हैं। देश विदेश कि राजधानियों, जैनधर्म के 24  तीर्थकरो, हरिवंश राय बच्चन कि मधुशाला सहित तमाम साहित्य श्लोक ग्रंथ कंठस्थ हैं। इतना ही नहीं इस्लाम धर्म का कुरान भी पूरी तरह याद है। पिता शुरेश कुमार फतेहपुर के रहने वाले हैं और पत्नी मैना देवी के साथ परिक्रमा में स्वास्थ्य सेवा देने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बेटे में इस प्रतिभा का कारण गुरु कृपा बताया।

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