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भागवत कथा के प्रभाव से हुआ परीक्षित का उद्धार

 


पं श्याम त्रिपाठी/बनारसी मौर्या 

नवाबगंज(गोंडा) महंगूपुर गांव में चल रही भागवत कथा के अंतिम दिन कथा व्यास ने परीक्षित उद्धार की कथा सुनाई। कथा व्यास पं दुर्गा प्रसाद पांडेय ने कहा कि तक्षक सर्प से  बचाने के लिए राजा परीक्षित को उच्चकोटि की सुरक्षा में रखा गया. किन्तु श्रृंगी ऋषि के श्राप का प्रभाव सारी सुरक्षा को पार गया। तक्षक सर्प छोटे कीड़े का रूप धर पुष्प के साथ राजा के कक्ष में प्रवेश कर गया। और सांध्य काल में राजा परीक्षित को डंस लिया। भागवत कथा के प्रभाव से उनकी सद्गति हुई। इधर पिता की मृत्यु से दुखी पुत्र जन्मेजय ने सर्प यज्ञ करवाया जिसमे सभी सर्प मृत्यु को प्राप्त हो गए। तक्षक के लिए जब आवाहन किया गया तो इंद्रासन भी हिल गया। देवताओ के अनुनय विनय के बाद जन्मेजय ने यज्ञ समाप्त कर दिया। तब जाकर सर्प कुल की रक्षा हो सकी। भागवत कथा में बाल कलाकारों द्वारा भजन की सुंदर प्रस्तुति की गयी। पूर्णाहुति भंडारा रविवार को आयोजित किया जायेगा। कथा में नरेंद्र प्रताप पांडेय, विनोद पांडेय, हनुमान शरण, हेमंत पांडेय, सर्वोदय कृष्ण पांडेय, संजय शर्मा,, जगदम्बा शर्मा, राम अवध यादव, आदर्श, प्राची, हर्शी, उमंग आदि लोग उपस्थित रहे।

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