Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

मानस को राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित करने की मांग का वकीलों ने किया समर्थन



कचेहरी परिसर में याचिकाकर्ता अधिवक्ता को किया सम्मानित

वेदव्यास त्रिपाठी 

प्रतापगढ़। श्रीरामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित किये जाने को लेकर आल इण्डिया रूरल बार एसोशिएसन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानप्रकाश शुक्ल की मांग के समर्थन में सोमवार को कचहरी में बड़ी संख्या में अधिवक्ता जुटे। अधिवक्ताओं ने एसोशिएसन की ओर सेश्रीरामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित करने के लिए केन्द्र सरकार से संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में विधेयक लाये जाने की मांग उठाई है। वहीं सरकार से श्रीरामचरितमानस एवं श्रीमदभागवत गीता तथा बाल्मीकि रामायण के साथ सनातन संस्कृति के अपमान को लेकर आपराधिक कानूनों में संशोधन विधेयक में इसे राष्ट्रद्रोह का अपराध घोषित किये जाने पर भी जोर दिया है। अधिवक्ताओं ने याचिकाकर्ता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञानप्रकाश शुक्ल को लालगंज सिविल कोर्ट में इस मामले में वाद दायर करने के लिए सराहते हुए सम्मानित भी किया। वहीं ज्ञानप्रकाश शुक्ल ने बताया कि उन्होनें अपनी मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भी लिखा है।कार्यक्रम की अध्यक्षता रूरल बार के प्रदेश अध्यक्ष मुक्तेश्वर ओझा मुक्कू तथा संचालन जिलाध्यक्ष अंजनी सिंह बाबा ने किया। जूनियर बार एसोशिएसन प्रतापगढ़ के पूर्व महामंत्री जेपी मिश्र तथा लालगंज संयुक्त अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी महेश ने भी भारत भूमि पर सनातन संस्कृति की गरिमा सुरक्षित किये जाने की मांग की। इस मौके पर अनिल पाण्डेय, विनय सिंह, शिवम सिंह, राहुल गुप्ता, आसिफ सिददीकी, अरूण पासवान, सचीन्द्र सिंह, आशीष श्रीवास्तव, जितेन्द्र सिंह भोले, उत्तम सिंह, प्रणव त्रिपाठी आदि अधिवक्ता रहे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 




Below Post Ad

5/vgrid/खबरे