पं श्याम त्रिपाठी/बनारसी मौर्या
नवाबगंज (गोंडा) क्षेत्र के महंगूपुर गांव में सुरेश प्रताप पांडेय के यहां आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा में शुक्रवार कथा व्यास ने सुदामा चरित्र की कथा सुनाई।
कथा व्यास पं दुर्गा प्रसाद पांडेय ने कहा कि मित्रता कैसे निभाई जाए यह भगवान श्री कृष्ण सुदामा से सीखना चाहिए । उन्होंने कहा कि सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र से सुदामा मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे। और द्वारपाल से कृष्ण से मिलने का आग्रह किया। आज के समय में यदि मित्र को संकट में जान लें तो अधिकांश लोग दूरी बना लेते हैं। जबकि श्री कृष्ण ने सुदामा की दयनीय स्थिति में उनका साथ ही नहीं दिया बल्कि मित्र को आया जान नंगे पाँव राजगद्दी से दौड़कर गले लगा लिया। कृष्ण सुदामा की मैत्री हमें उत्तम मित्रता की शिक्षा देती है। प्रत्येक मनुष्य को सुदामा जैसे मित्र के लिए कृष्ण बनना चाहिए। उन्होंने बच्चों को आध्यत्मिक शिक्षा देने के लिए प्रेरित किया। कहा कि बच्चों को सिर्फ धन कमाने कि मशीन ना बनाये। ऐसी शिक्षा निरर्थक है। आध्यात्मिक ज्ञान परलोक सुधारक है।कथा व्यास ने कहा कि महंगूपुर गांव में भगवान कपिल का प्राचीन आश्रम रहा है और प्रतिमा रूप में अवतरण हुआ है। किन्तु विकास की दृष्टि से यह अभी भी शून्य है। यह बड़े दुर्भाग्य की बात है। इसके लिए लोगो प्रयास करें।
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