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करनैलगंज में आयोजित श्रीराम कथा के तृतीय दिन भव्य श्री राम जन्मोत्सव



ज्ञान प्रकाश 

करनैलगंज(गोंडा)। श्री हनुमान गढ़ी सेवा समिति करनैलगंज के के तत्वावधान में आयोजित श्रीराम कथा के तृतीय दिन भव्य रूप से श्री राम जन्मोत्सव मनाया गया। "भए प्रगट कृपाला दीनदयाला कौशल्या हितकारी। हर्षित महतारी मुनि मन हारी अदभुद रूप बिचारी' का गान व भगवान श्रीराम का जन्म होते ही बधाइयों के साथ जश्न का माहौल बन गया। श्रद्धालुओं के साथ किन्नरों ने जमकर नृत्य किया। खिलौने, टॉफी, बिस्किट के साथ उपहार लुटाए गए। कथा में शिवम जी शुक्ल महाराज ने कहा की सत्संग और योग से मनुष्य अध्यात्मिकता के उच्चतम शिखर को प्राप्त करता है योग न सिर्फ हमारे शरीर को स्वस्थ रखने का कार्य करता है बल्कि योग आत्मा से परमात्मा तक के सफर को पूर्ण करने की सामर्थ्य रखता है और एक अद्भुत मार्ग है। भगवान शिव के अद्भुत स्वरूप का वर्णन कथा में किया गया। जिसमें कथा वाचक अंतर्राष्ट्रीय कथा प्रवक्ता ने कहा कि भगवान शिव के पूजन से मनुष्य अर्थ धर्म काम मोक्ष प्राप्त करता है। इस सृष्टि में सबसे अधिक शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता हैं। भगवान शिव जो शिव महापुराण के अनुसार एक धतूरे का फल स्वर्ण दान का पुण्य प्रदान करता है और मनुष्य को ओजस्वी और तेजस्वी बनाता है गुरु ही इस जीवन का आधार होते हैं जब तक मनुष्य का दीक्षा संस्कार नहीं होता वह अपने परियों का फल प्राप्त नहीं कर पाता और न ही अध्यात्मिक मार्ग को पूर्णरूपेण प्राप्त कर पाता है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को गुरु अवश्य बनाना चाहिए और गुरु मंत्र का नित्य प्रतिदिन जाप पूजन करना चाहिए। आचार्य ने कहा धर्म की स्थापना के लिए भगवान अवतार लेते हैं। कथा में भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव की कथा को प्रमुखता से कहते हुए बताया कि जब भक्त भगवान को पुकारते हैं और धर्म का ह्रास होता है तो धर्म की पुनर्स्थापना के लिए भगवान इस धरा पर अवतार लेते हैं। वैदिक सनातन हिंदू धर्म के अनुसार भगवान चार युगों में 24 बार विभिन्न विभिन्न स्वरूपों में अवतार लेते हैं। कहा की साधक जितना शुद्ध होता है, साधना का फल उतना ही जल्दी मिलता है। रात्रि करीब 11 बजे भगवान श्रीराम के प्राकट्य का उत्सव मनाने के बाद कथा को विश्राम दिया गया। 



कथा के दौरान चेयरमैन प्रतिनिधि रामजीलाल मोदनवाल, अरुण वैश्य, महेश गुप्ता, समीर गुप्ता, अशोक सिंघानिया, प्रकाश जायसवाल, डॉ.रामतेज, मुकेश सोनी, गणेश कुमार वैश्य, अशीष शुक्ला, राधेश्याम जायसवाल, हरि कुमार वैश्य, नंद किशोर सिंघानिया, रवि गोयल, अंकुर सिंघानिया सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। वहीं कथा के पश्चात भंडारे का आयोजन हुआ।

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