गोंडा:न्यायालय अपर आयुक्त देवीपाटन मण्डल के आदेश पर रजिस्ट्रार कानूनगो पुरुषोत्तम सिंह ने लेखपाल शिव नंदन लाल श्रीवास्तव के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।
खातेदार के नाम के जमीन से मृतक के वारिस का नाम निरस्त करके गांवसभा के खाते में अंकित किए जाने के संबंध में 6 बिंदुओं पर मांगी गई आख्या के उपरांत लेखपाल के कारनामों का पर्दाफाश हो गया। बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के ही तत्कालीन लेखपाल शिव नन्दन लाल श्रीवास्तव ने अर्जुन पुत्र देवी के नाम की भूमि को खतौनी में नया खाता कायम करके ग्रामसभा के नाम दर्ज कर दिया।
मामला उत्तर प्रदेश के गोंडा जनपद अंतर्गत सदर तहसील क्षेत्र के त्रिभुवननगर ग्रन्ट से जुड़ा हुआ है। नगर कोतवाली पुलिस को दिए गए शिकायती पत्र में रजिस्ट्रार कानूनगो ने आरोप लगाते हुए कहा है कि सदर तहसील क्षेत्र के त्रिभुवननगर ग्रन्ट की खतौनी वर्ष 1422 से 1427 फसली के खाता संख्या-6 के गाटों के मिलान पर फर्जी पाया गया है।
क्या मिले साक्ष्य
खतौनी के मुख्य पृष्ठा भाग पर चस्पा स्लिप में लेखपाल का नाम जोगीप्रसाद अंकित है, किन्तु अन्दर के पन्नों पर शिवन्दन लाल श्रीवास्तव ने हस्ताक्षर किया गया है।षटवार्षिक खतौनी सन् 1410-1415 फसली में अर्जुन पुत्र देवी का का नाम बिना किसी आधार के दर्ज किया गया है।तहसील में उपलब्ध कृषि आवंटन पत्रावली एवं पट्टा रजिस्टर ग्राम त्रिभुवन नगर ग्रन्ट में अर्जुन पुत्र देवी के नाम कृषि आवंटन होना नहीं मिला। अर्जुन पुत्र देवी के नाम कृषि आवंटन होना नहीं है। जिससे यह साबित हुआ कि तत्कालीन हल्का लेखपाल शिवनन्दन लाल ने फर्जी हस्तलिखित की है।
उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 राम गोपाल बनाम अध्यक्ष ग्रामसभा त्रिभुवन नगर ग्रन्ट में 24 नवंबर को आदेश दिया गया। जिसमे लेखपाल शिव नन्दन लाल श्रीवास्तव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर नियमानुसार कार्यवाही कराने के लिए निर्देश दिया गया।
रजिस्टर कानून को पुरुषोत्तम सिंह के शिकायती पत्र पर नगर कोतवाली पुलिस ने आरोपी लेखपाल के खिलाफ 419 420 467 468 और 471 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दिया है।
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