खुले आसमान के नीचे सर्द रातें बिताने को मजबूर किसान,शुद्ध पानी तक के पड़ रहे लाले
कमलेश
खमरिया खीरी :गोबिन्द शुगर मिल ऐरा में गन्ना लेकर आने वाले किसानों को खुले आसमान के नीचे सर्द राते गुजारने के लिए विवश होना पड़ रहा है। गन्ना यार्ड में किसानों के लिए एक मात्र बनावाया गया किसान विश्रामालय में ताला जड़ा होने के कारण किसानों को मजबूरन खुले आसमान के नीचे यार्ड में समय व्यतीत करना पड़ रहा है। बावजूद ज़िम्मेदार मिल अधिकारी व कर्मचारी किसानों की दुर्दशा देखकर चुप्पी साधकर केवल तमाशबीन बने हुए है। यही नहीं किसानों की माने तो मिल द्वारा उन्हें सर्दी से बचाने के लिए यार्ड में अलाव तक जलाने की व्यवस्था नहीं की गई है,जिसकी वजह से उन्हे सर्द रातें ठिठुर कर बितानी पड़ रही है।
ऐरा चीनी मिल में मिल गेट पर भारी अव्यस्थाओं के बीच गन्ना लेकर आने वाले किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। किसान रात में पड़ने वाली भीषण सर्दी में गन्ना यार्ड में खुले आसमान के नीचे राते गुजारने के लिए मजबूर है। बीती रात मिल गन्ना यार्ड में किसानों के बीच पहुची पत्रकारों की टीम को देख बेबस किसानों ने अपना दुखड़ा कुछ इस तरह बया किया कि जैसे उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। मिल कर्मचारी जैसे तैसे अपना उल्लू सीधा कर किसानों के गन्ना भरे वाहन यार्ड में खड़े करवाकर मनमाने तरीके से गावों को शिप्ट वाइज बांटकर तौल करवा रहे है। इस बीच किसानों ने बताया कि मिल द्वारा नया नियम बनाकर शिप्ट वाइज गन्ने की तौल करने की वजह से यार्ड में कई घंटे तक वाहन की तौल नहीं हो पाती। जिसकी वजह से किसानों की परेशानियां दोगुनी हो जाती है,बावजूद पीड़ित किसानों को देखने वाला कोई नहीं है।
विश्रामायल में मिल कर्मचारियों ने जड़ा ताला,खुले आसमान के नीचे सर्द रातें गुजारने को विवश किसान
ऐरा चीनी मिल में सर्द हवाओं से बचाव करने हेतु किसानों के लिए एक विश्रामालय बनवाया गया था जिसमें मिल कर्मचारियों ने उसमें ताला जड़ रखा है। जिसके चलते गन्ना लेकर आने वाले किसानों को उसमें उठने बैठने व रहने का अवसर नहीं मिल रहा। यह सब देखकर भी मिल के उच्च अधिकारी किसानों के प्रति गंभीर न होकर चुप्पी साधे हुए है। इस बाबत रात में गन्ना लेकर आये किसान मोबिन,लल्लन,कृष्ण कुमार,श्यामकिशोर,मुन्ना,राहुल आदि ने बताया कि विश्रामालय में जब ताला जड़ा है तो वह रात में जाए कहाँ,मजबूरन वह सभी अपने वाहन पर ही खुले आसमान के नीचे रहकर वाहन के तौलने का इंतजार करते है।
चारदीवारी न होने से गन्ने के साथ साथ डीजल व वाहन के पार्ट चोरी होने का बना डर
चीनी मिल में बने गन्ना यार्ड में चारों ओर चारदीवारी न होने के चलते पूर्व वर्षों की भांति इस बार भी किसानों में वाहनों से गन्ना,डीजल व वाहनों के पार्ट चोरी होने का डर सता रहा है। यह डर उस वक्त और दुगुना हो जाता है जब यार्ड में लगे मिल सुरक्षाकर्मी यार्ड की लाइनों में डियूटी न कर इधर उधर रहकर समय व्यतीत करने में लग जाते है। जिसकी वहज से मिल यार्ड के इर्द गिर्द सक्रिय अराजकतत्वों को अपराध करने का अवसर न मिल जाये इसके लिए किसान अपने गन्ने से भरे वाहन के साथ वाहनों से डीजल व पार्ट को बचाने के लिए खुले आसमान के नीचे वाहन पर ही लेट बैठकर रात गुजारने को विवश है। हालांकि सक्रिय अराजकत्वों पर खमरिया पुलिस नजर रख कई अराजकत्वों को जेल की हवा खिला चुकी है,पर मिल की सिक्योरिटी इन सब बातों से अनजान बनी हुई है।
किसानों को सर्दी से बचाने के लिए गन्ना यार्ड में नहीं जलवाए जा रहे अलाव
मिल गन्ना यार्ड में सर्द रातों में गन्ना लेकर आने वाले किसान मोबिन, कल्लू राम, रोहित,रामऔतार बभौरी,पिंकू महरिया,लल्लन प्रसाद लखपेड़ा,कृष्ण कुमार नवरंगपुर,श्यामकिशोर अमितिया,मुन्ना व राहुल मूसेपुर ने बताया कि मिल के अधिकारियों ने किसानों को सर्दी से बचाने के लिए अभी तक गन्ना यार्ड में किसी प्रकार से अलाव की व्यवस्था नहीं की है,हां मिल के सुरक्षा कर्मी अपने आप को सर्दी से बचाने के लिए तौल गेट के सामने खोई आदि जलाकर काम चला लेते है,जहां अगर किसान चला जाये तो उसे अपने वाहन के पास रहने को कह भगा दिया जाता है। इस दौरान कुछ किसानों के कथनानुसार चौकाने वाली बात तो यह सामने आई जब बताया गया कि वह लोग सर्दी से बचने के लिए गन्ने की पत्ती आदि लाकर अगर यार्ड में जला कर हांथ सेकने लगे तो उल्टे उन्हें सुरक्षा कर्मी यार्ड में आग तक नहीं जलाने देते,जिसकी वजह से उन्हें सर्द रात में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
पीने को नहीं मिलता शुद्ध पानी,इधर उधर से चलाना पड़ रहा काम
चीनी मिल गन्ना यार्ड में कहने को तो पूर्व वर्षों की भांति इस वर्ष भी पानी की टंकी लगवा दी गई है,पर उसमें हर वक्त पानी नहीं आता,जिसके लिए अपने वाहनो के साथ रहने वाले किसानों को शुद्ध पानी तक नसीब नही होता,किसानों की माने तो टंकी से जब पानी आता भी है तो वह शुद्ध पानी नहीं निकलता,जिसके लिए उन्हें इधर उधर जाकर पानी की तलाश कर काम चलाना पड़ता है। किसानों ने यह भी बताया कि सुनने में यह भी आया है कि मिल के अंदर कही एक आरओ प्लांट भी लगा है पर वहां तक आम किसानों की पहुच न होने की वजह से उन्हें कभी कभी तो गंदे पानी से ही काम चलाना पड़ता है।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ