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त्याग और प्रेम की मूर्ति है भरत का चरित्र:पं संजय रथ



बनारसी मौर्या / अविनाश चंद्र श्रीवास्तव 

नवाबगंज गोंडा। जनपद के सीमा पर बह रही सरयू नदी किनारे महेशपुर गांव स्थित रॉयल हेरीटेज होटल में चल रहे ज्योतिष महोत्सव के चतुर्थ दिवस प्रख्यात ज्योतिषी संजय रथ ने तेजस्वी भरत के चरित्र का वर्णन किया। पांच दिवसीय ज्योतिष महोत्सव का आयोजन मिल्कीपुर के पूर्व भाजपा विधायक गोरखनाथ बाबा द्वारा कराया जा रहा  है।सदर भाजपा विधायक प्रतीक भूषण सिंह लगातार ज्योतिषाचार्य लोगो की सेवा मे लगे हुए है। महोत्सव में भारत सहित करीब 50 देशों के सैकड़ो ज्योतिषाचार्य ज्योतिष विज्ञान पर अपना-अपना मत प्रकट कर रहें हैं । 



    प्रख्यात ज्योतिषी पं संजय रथ ने चौथे दिन भरत चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि राजा भरत की कुंडली के ग्रहों, नक्षत्रों के अनुसार प्रभु श्री राम के दाहिने हाथ हैं जो राम धर्म में संपूर्ण विश्वास रखते हैं। उन्होंने प्रभु श्री रामचंद्र की भांति ही अपनी ही अयोध्या की भूमि पर 14 वर्षों तक दांपत्य जीवन का त्याग करते हुए राज धर्म का पालन किया और अपनी माता के कैकेयी को भी दंडित किया। जिस प्रकार माता कौशल्या अपने राम को 14 वर्षों तक न देख सकी और न छू सकी उसी प्रकार कर माता कैकेयी भी भरत को देखने और छूने से 14 वर्षो तक वंचित रहीं। उन्होंने ज्योतिष विज्ञान के साथ भरत चरित्र को जोड़ते हुए कहा कि भगवान से प्रेम करना है तो हमें भरत के चरित्र से सीख लेनी चाहिए भरत त्याग और प्रेम की मूर्ति है भरत की तरह जो भगवान के प्रेमी होते हैं उन्हें संपत्ति, सुख और ऐश्वर्या आकर्षित नहीं कर सकते हैं। इस महोत्सव के आयोजक मिलकीपुर के पूर्व भाजपा विधायक गोरखनाथ बाबा व भाजपा विधायक सदर प्रतीक भूषण सिंह ने कार्यक्रम में पहुंचे देश-विदेश के ज्योतिषियों का स्वागत व सम्मान किया।कार्यक्रम मे सदर विधायक प्रतिनिधि सतीश सिंह गौरव सिंह शक्ति सिंह मिलकीपुर पूर्व विधायक प्रतिनिधि शिवम पांडेय सहित तमाम लोग मौजूद रहे ।

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