अखिलेश्वर तिवारी/वेद मिश्र
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय पर स्थापित सिंचाई विभाग के सरयू नहर खंड तृतीय के कर्मचारियों ने गुरुवार को अधिशासी अभियंता संतोष कुमार के कार्य प्रणाली का विरोध करते हुए विभाग के बाहरी गेट पर ताला लगाकर कार्य का बहिष्कार किया । कर्मचारी संघ ने अधीक्षण अभियंता सहित उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर मांगों के निराकरण के लिए मांग किया है ।
कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आनंद तिवारी ने 7 दिसंबर को आंदोलन के दौरान जानकारी दी की उनके विभाग के अधिशासी अभियंता संतोष कुमार द्वारा विभागीय कर्मचारियों का मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि कर्मचारी कमी के कारण वर्कलोड अधिक है । कर्मचारी एक से अधिक लोगों का कार्य करते हैं । इसके बावजूद भी समय से वेतन निर्गत नहीं किया जाता है, जिसके कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । उन्होंने कहा कि विगत कई महीनो से अधिशाषी अभियंता का यही रवैया है, इसलिए तत्काल प्रभाव से या तो अधिशाषी भियंता को इस खंड से हटाया जाए, या फिर उन लोगों को दूसरे खंड से अटैच किया जाए । उन्होंने कहा कि विभाग में तमाम समस्याएं व्याप्त हैं । अभिलेखों के रखरखाव की सही व्यवस्था नहीं है । ऑफिस के बाहर नाली का पानी भरा रहता है जिसकी कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है । अपनी मांगों को लेकर सभी कर्मचारियों ने ऑफिस के बाहर ताला लगाकर कार्य का बहिष्कार किया और उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की । कार्य बहिष्कार करने वाले कर्मचारियों में अध्यक्ष आनंद तिवारी के साथ राज कमल, संतोष कुमार, प्रमोद कुमार, शाहिद कमाल, अरविंद कुमार, फूलचंद, वीर विक्रम, विनोद राणा, संजीव कुमार, घनश्याम व निरंकार शामिल है ।
तालाबंदी पर बोले अधिशाषी अभियंता
पूरे मामले पर अधिशाषी अभियंता संतोष कुमार का कहना है कि उनके द्वारा किसी भी कर्मचारी का कोई शोषण नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देर से आने पर या कार्य समय से पूरा न करने पर अगर कर्मचारियों से पूछताछ की जाती है तो वह उनका दायित्व है । उन्होंने कहा कि आज कार्य बहिष्कार की भी कोई जानकारी उन्हें लिखित अथवा में मौखिक रूप से नहीं दी गई है । उन्होंने कहा कि बगैर नोटिस या बगैर पूर्व सूचना इस प्रकार का ऑफिस के बाहर ताला लगाना या कार्य बहिष्कार करना नियम संगत नहीं है, जिसके लिए वह उच्च अधिकारियों को पत्र अवश्य लिखेंगे । उन्होंने कहा कि हम हमेशा कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर सचेत रहते हैं, परंतु समस्या बताना कर्मचारी की खुद की जिम्मेदारी है । आज भी किसी श्रमिक प्रतिनिधि अथवा कर्मचारियों ने कोई समस्या से अवगत नहीं कराया है । उन्होंने कहा कि उनके द्वारा कई बार फोन भी किया गया उसके बावजूद भी कोई वार्ता करने के लिए तैयार नहीं हुआ ।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ