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BALRAMPUR...एमएलके कॉलेज में दो दिवसीय संगोष्ठी का समापन



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अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय के एम एल के पी जी कॉलेज सभागार में रविवार को भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद द्वारा अनुदानित एमएलके पीजी कॉलेज के शिक्षक शिक्षा एवं शिक्षाशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन रविवार को हुआ। संगोष्ठी में वक्ताओं ने प्राचीन भारतीय शिक्षा को वर्तमान परिदृश्य में उसकी प्रासंगिकता पर जोर दिया।



17 दिसंबर को समापन समारोह का शुभारंभ कार्यक्रम अध्यक्ष यू पी कॉलेज वाराणसी के प्रोफेसर रमेश धर द्विवेदी, मुख्य अतिथि डीन फैकल्टी ऑफ बीएड पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रो0 अजय कुमार दुबे, विशिष्ट अतिथि श्री एल बी एस पी जी कॉलेज गोण्डा के प्राचार्य प्रो0 आर के पाण्डेय, संगोष्ठी अध्यक्ष व प्राचार्य प्रो0 जे पी पाण्डेय, आई क्यू ए सी कोऑर्डिनेटर प्रो0 तबस्सुम फरखी सहित सेमिनार संयोजक व आयोजन सचिव ने दीप प्रज्वलित एवं मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके किया। इसके बाद बीएड विभाग की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना व स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। उपस्थित शोधार्थियों को सम्बोधित करते हुए कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो0 रमेश धर द्विवेदी ने कहा कि परिवर्तन ही हमारा सरंक्षण करती है।


गुरु को अपने शिष्य को प्रचलित स्वरूप में शिक्षा देने के बजाय विषय से जोड़े रहने की शिक्षा दी जानी चाहिए। जागरूकता व तत्परता के आधार पर शिक्षण विधि तैयार की जानी चाहिए। मुख्य अतिथि प्रो0 अजय दूबे ने कहा कि सीखने के लिए नम्रता का भाव लाना चाहिए तभी हम कोई चीज सीख सकते हैं। अच्छे कार्य को तत्काल करने की इच्छा व बुरे कार्य को टालने का प्रयास करना चाहिए। विशिष्ट अतिथि प्रो0 आर के पाण्डेय ने कहा कि सीखने के लिए उत्सुकता और धैर्य आवश्यक है। इसलिए प्रत्येक विद्यार्थी को सुनने की आदत डालनी होगी क्योंकि अच्छा श्रोता ही अच्छा वक्ता होता है। सेमिनार अध्यक्ष व प्राचार्य प्रो0 जे पी पाण्डेय ने सेमिनार के सफल आयोजन पर दोनों विभागों के शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि गुरु का कार्य अपने शिष्य में रुचि पैदा करे और उसे समृद्ध बनाये। सेमिनार के संयोजक प्रो0 राघवेंद्र सिंह ने अतिथियों का स्वागत तथा आयोजन सचिव प्रो0 श्रीप्रकाश मिश्र ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। डॉ बसंत कुमार गुप्त ने सेमिनार की संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की। समारोह का सफल संचालन सेमिनार के सह समन्वय व सह सचिव महाविद्यालय के एसोसिएट एन सी सी ऑफिसर लेफ्टिनेंट डॉ देवेन्द्र कुमार चौहान ने किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में प्रो0 रेखा विश्वकर्मा, सह संयोजक डॉ दिनेश मौर्य, सह आयोजन सचिव डॉ राम रहीस, डॉ अनामिका सिंह, डॉ स्वदेश भट्ट, डॉ बी एल गुप्त, डॉ जितेन्द्र भट्ट, आनंद त्रिपाठी, सीमा सिन्हा, अविनाश, सीमा श्रीवास्तव का सराहनीय योगदान रहा।

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