Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

BALRAMPUR...श्री रामायण संस्कार परीक्षा 2023 आयोजित



अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर मे 9 दिसंबर को शहर के अग्रेंजी माध्यम विद्यालय पॉयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कॉलेज में ‘‘श्री रामायण संस्कार परीक्षा-2023‘‘ का आयोजन विश्व हिन्दू परिषद अवध प्रान्त के द्वारा किया गया। यह परीक्षा विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डॉ0 एम0पी0 तिवारी के नेतृत्व में विश्व हिन्दू परिषद अवध प्रान्त से आये हुए विशाल श्रीवास्तव तथा विजय प्रकाश शुक्ला के संरक्षता में सम्पन्न हुआ। ‘‘श्री रामायण संस्कार परीक्षा-2023‘‘ के अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद अवध प्रान्त से आये हुए विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि रामायण बताती है कि कुछ गुणों को अपनाकर और खास बातों का ध्यान मे रखकर मर्यादा एवं अनुशासन वाला जीवन जीना चाहिए। इससे बुराई पर अच्छाई की जीत होती है। रामायण एक राजपरिवार और राजवंश की कहानी है जो पति-पत्नी, भाई और परिवार के अन्य सदस्यों के आपसी रिश्तों के आदर्श पेश करती है। रामायण की सबसे बड़ी सीख है कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की ही जीत होती है। जिस तरह माता सीता पर रावण ने बुरी नजर डाली और अंत में भगवान श्री राम ने रावण को पराजित कर सीता जी को वापस पा लिया। कहानी का सार है कि बुराई कितनी भी शक्तिशाली या बड़ी क्यों न हो लेकिन अपनी इच्छी नीयत और गुणो के कारण सच्चाई की ही जीत होती है। विश्व हिन्दू परिषद अवध प्रान्त से आये हुए विजय प्रकाश शुक्ला ने बताया कि रामायण सिर्फ एक महाकाव्य से कहीं अधिक है यह मानव स्वभाव, नैतिकता और अच्छे और बुरे के बीच संघर्ष का गहन अन्वेषण है। यह समकालीन दुनिया मे प्रासंगिक बना हुआ है और शश्वत ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान करता है। महाकाव्य एक दर्पण के रूप में कार्य करता है, जो समाज के मूल्यों और आदर्शो को दर्शाता है, साथ ही हमें प्रतिकूल परिस्थितियों में इन मूल्यों को बनाए रखने की चुनौती भी देता है। रामायण पढ़ने योग्य ही नहीं बल्कि सीखने योग्य जीवन का एक पाठ है। ‘‘श्री रामायण संस्कार परीक्षा-2023‘‘ मे कक्षा-6, 7 एवं 8 के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग किया। परीक्षार्थी अपने काले व नीले रंग के बाल पेन का प्रयोग करके 1 घंटे की अवधि का परीक्षा दी। परीक्षा का प्रश्न पत्र दो खण्ड में विभाजित किया गया था। प्रथम खण्ड में 40 प्रश्न बहुविकल्पीय तथा द्वितीय खण्ड 10 प्रश्न लघुउत्तरीय स्तर के दिये गये थे, जिनका पूर्णांक 100 अंक का था। इस अवसर पर विद्यालय के उप प्रधानाचार्या प्रधानाचार्य शिखा पाण्डेय, राघवेन्द्र त्रिपाठी, सहित समस्त अध्यापक अध्यापिकाओं ने परीक्षा को सम्पन्न कराया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 




Below Post Ad

5/vgrid/खबरे