अभय शुक्ला
लालगंज, प्रतापगढ़। क्षेत्र के अगई गांव निवासी युवा रचनाकार आशांशु त्रिपाठी को उत्तर प्रदेश हिन्दी साहित्य संस्थान द्वारा पुरस्कृत किये जाने पर क्षेत्रीय साहित्यकारों ने खुशी जतायी। आशांशु को लखनऊ में हिन्दी साहित्य संस्थान के द्वारा युवा रचनाकार के रूप में लेखन की विशिष्टता के लिए संस्थान के निदेशक आरपी सिंह ने सम्मान पत्र तथा दो हजार रूपये नकद प्रदान कर सम्मानित किया। आशांशु नगर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी महाविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष एवं जाने माने लेखक डा. अम्बिकेश त्रिपाठी के पुत्र तथा पूर्व कुलपति प्रो. कामता प्रसाद त्रिपाठी पीयूष के पौत्र भी हैं। रचनाकार आशांशु को इसके पहले भी निबन्ध लेखन के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ निबन्ध लेखन का हिन्दी साहित्य संस्थान से पुरस्कार मिल चुका है। वहीं आशांशु को दो बार अखिल भारतीय विद्या भारती की ओर से लेखन के क्षेत्र में प्रथम पुरस्कार मिला है। आशांशु के पिता डा. अम्बिकेश व बाबा प्रो. कामता प्रसाद पीयूष भी प्रदेश एवं देश के अन्य राज्यों की ओर से लेखन के विविध क्षेत्रों में सर्वोत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित हो चुकें है। आशांशु के हिन्दी साहित्य संस्थान द्वारा पुरस्कृत होने की जानकारी मिलने पर रविवार को स्थानीय साहित्यकारों ने बैठक के जरिए खुशी जतायी है। विद्या मंदिर के निदेशक आचार्य रामअवधेश मिश्र, वरिष्ठ साहित्यकार विशालमूर्ति मिश्र, आचार्य अनीस देहाती, डा. नागेन्द्र अनुज, पूर्व प्राचार्य डॉ. डीपी ओझा, आचार्य राजेश मिश्र, प्राचार्य डा. अमित सिंह, डा. शक्तिधरनाथ पाण्डेय, प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी आदि ने युवा रचनाकार के रूप में आशांशु की प्रतिभा को मिले सम्मान को साहित्य एवं लेखन के क्षेत्र में क्षेत्र की विशिष्ट उपलब्धि कहा है।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ