बारात में कुंए में गिरकर शिवप्रताप की मौत को लेकर राहाटीकर में फूटा गुस्सा, घंटों आक्रोशित ग्रामीणों ने लगाया जाम
एसडीएम तथा सीओ समेत आला अफसरों के छूटे पसीने, परिजनों ने हत्या का केस दर्ज कर सरकार से मदद की लगाई गुहार
अभय शुक्ला
लालगंज प्रतापगढ़। शादी समारोह में साथी की खुशी साझा करने गए शिक्षक की मौत को लेकर गुरूवार की सुबह उदयपुर थाना क्षेत्र में परिजन तथा ग्रामीणों का गुस्सा सड़क पर उतर गया। परिजन मृतक शिक्षक की मौत को दुर्घटना मानने को तैयार नही देखे गए। परिजनों का रोते बिलखते दर्दनाक आरोप यही है कि शादी समारोह के नाम पर शिक्षक शिव प्रताप सिंह को बुलवा कर उसे पूर्व नियोजित ढंग से मौत के घाट उतार दिया गया। बाजार में परिजन के साथ बड़ी संख्या में व्यापारी तथा आसपास के ग्रामीण भी घटना के विरोध में चौराहे पर जाम लगाकर गुस्से का इजहार करने लगे। हालाकि मौके पर लालगंज के एसडीएम तथा सीओ ने पहुंचकर गमजदा परिजनों व आक्रोशित ग्रामीणों को समझाने बुझाने का प्रयास कर आक्रोश को नियंत्रित करने का प्रयास किया।
उदयपुर थाना क्षेत्र के राहाटीकर निवासी हरीशचंद्र बाजार में छोटा मोटा व्यवसायिक धंधा कर परिवार का भरण पोषण किया करता है। हरीशचन्द्र इस समय बीमार भी बताए जाते हैं। हरीशचन्द्र के शिवप्रताप एक मात्र पुत्र होने के साथ छह पुत्रियां हैं। इनमें से हरीशचन्द्र की चार पुत्रियों का विवाह हो गया है। जबकि दो बेटियों के हांथ उसे पीले करने हैं। इकलौता पुत्र शिवप्रताप दिल्ली में केन्द्रीय विद्यालय में शिक्षक था। हरीशचन्द्र की झोली में ईश्वर ने शिवप्रताप के शिक्षक होने के साथ बहू सुधा की भी वाराणसी के कोठवा प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका की दोहरी खुशी जरूर सौंपी। नियति को शायद यह दोहरी खुशी अखर गयी। मंगलवार को मृतक शिवप्रताप के बचपन के दोस्त सुभांग की शादी उसके गांव में हुई थी। इसी में वह साथी की खुशी साझा करने दिल्ली से सीधे पट्टी कोतवाली के शेखपुर अठगंवा में पहुंच गया। यहां बारात में हंसी खुशी के बीच अचानक डांस को लेकर विवाद हो गया। विवाद के बढ़ने के कारण मारपीट के दौरान भगदड़ मच गयी। सूत्रों के मुताबिक शिवप्रताप सिंह भगदड़ के दौरान पास के अंधे कुंए में गिर गया। सिर पर अधिक चोट लगने के कारण उसकी मौत हो गयी। शिवप्रताप की मौत को लेकर बारात में अफरा तफरी मच गयी। बुधवार को शिवप्रताप का जिला मर्चरी हाउस में पोस्टमार्टम कराया गया। देर रात करीब सात बजे उसका शव पीएम हाउस से गांव पहुंचा। गांव पहुंचने पर परिजन उसके शव से लिपट कर दहाड़ मारकर रोने बिलखने लगे। पत्नी सुधा का तो रो रोकर बुरा हाल हो गया। वह बार बार पति की मौत को लेकर दोस्त की भूमिका पर उंगली उठाते बेहोश हो रही थी। दुखी परिजन किसी तरह सुधा को संभालने में जुटे थे। परिजनों को शिवप्रताप की मौत का कारण स्वाभाविक दुर्घटना बताया जाना गले नही उतर रहा था। गुरूवार की सुबह शिवप्रताप की मौत गम के साथ गुस्से में तब्दील हो गयी। आक्रोशित परिजनों के साथ बाजार के लोग उदयपुर थाना के राहाटीकर बाजार में जाम लगा बैठे। बाजार में पनपा गुस्सा आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी पहुंच गया और देखते ही देखते बाजार में ग्रामीणों का भी आक्रोशित तेवर पुलिस के लिए सिर दर्द हो गया। उदयपुर एसओ निकेत भारद्वाज जाम की जानकारी पाकर भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। एसओ ने परिजनों को समझाने बुझाने का घंटो प्रयास किया किन्तु परिजन डीएम को बुलाने की मांग पर अड़े रहे। उदयपुर पुलिस की सूचना पर लालगंज एसडीएम लालधर सिंह यादव तथा सीओ रामसूरत सोनकर भी लावलश्कर के साथ करीब पौने ग्यारह बजे आक्रोशित ग्रामीणों के बीच पहुंचे। एसडीएम तथा सीओ ने परिजनों को समझाया बुझाया तथा उनकी मांगों को शासन तक पहुंचाए जाने का भरोसा दिलाया। मृतक शिवप्रताप की शिक्षिका पत्नी ने अफसरों के सामने बिलखते हुए बताया कि अभी उसके भी कोई संतान नही है। ऐसे में उसके पति की साजिशन हत्या कर दी गयी है। सुधा का आरोप है कि पति को जानबूझकर सीधे दिल्ली से दोस्त ने घर बुलवाया और बारात में कुंए में धकेल कर उसकी हत्या कर दी गयी। सुधा ने अफसरों को यह भी बताया कि उसका पति अपनी दो अविवाहित बहनों सोनाली एवं खुशी की शादी को लेकर मन में हसरत पाले हुए था। परिजनों के आक्रोश के बीच शिवप्रताप की मां सुशीला भी बिलख रही थी कि आखिर उसके इकलौते चिराग बुझ जाने से अब किस हसरत के साथ उसकी दोनों बेटियांें के हाथ पीले हो सकेंगें। इस बीच एसडीएम तथा सीओ के आश्वासन पर जाम समाप्त हो सका। परिजनों की ओर से एसडीएम को दिये गये ज्ञापन में सरकारी मदद, नौकरी, व आरोपितों के खिलाफ कारवाई की माँग की गई है। इसके बाद परिजन शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गये। तब कहीं जाकर प्रशासन ने राहत की सांस ली।
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