पं श्याम त्रिपाठी/बनारसी मौर्या
नवाबगंज (गोंडा) छठ पर्व मुख्य रूप से सूर्य उपासना के लिए किया जाता है ताकि पूरे परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहे। साथ ही यह व्रत संतान के सुखद भविष्य के लिए भी किया जाता है। मान्यता है कि छठ का व्रत करने से निसंतान को संतान की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।इसी क्रम में क्षेत्र के देवीनगर गौरिया दत्तनगर साकीपुर बल्लीपुर पटपरगंज जैतपुर सहित तमाम गांवो से हजारों की संख्या में महिलाएं रविवार को सरयू नदी के तट पर पंहुची और परंपरागत तरीके से सूर्य को अर्घ्य देकर अपनी संतान के उज्जवल भविष्य और अन्य मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए विधिवत पूजन किया। महिलाओं ने सरयू माता को भी भेंट स्वरूप फल, मीठा, धूप-दीप अर्पित कर आरती भी की। सरयू नदी में स्नान के उपरांत माता सरयू से संतान के सुखद भविष्य और परिवार की सुरक्षा और समृद्धि की कामना की।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ