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सांख्य प्रणेता हैं भगवान कपिल : पं दुर्गा प्रसाद



पं श्याम त्रिपाठी/बनारसी मौर्या 

नवाबगंज(गोंडा) क्षेत्र के महंगूपुर गांव में चल रही भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास पं दुर्गा प्रसाद पाण्डेय ने भगवान कपिल व सांख्य शास्त्र की कथा का वर्णन किया। व्यास जी ने कहा कि विष्णु के प्रमुख चौबीस अवतारों में पांचवा अवतार कपिल का है। देवहुति कर्दम की संतान के रूप में कपिल मुनि अवतरित हुए।जिन्होंने सांख्य शास्त्र कि रचना की। तथा प्रकृति के भेद आदि का महात्म बतलाया। कथा व्यास ने कहा कि मनुष्यों का क्या कर्तव्य है इसका बोध भागवत सुनकर ही होता है। विडंबना ये है कि मृत्यु निश्चित होने के बाद भी हम उसे स्वीकार नहीं करते हैं। निस्काम भाव से प्रभु का स्मरण करने वाले लोग अपना जन्म और मरण दोनों सुधार लेते हैं।

व्यास ने कहा कि प्रभु जब अवतार लेते हैं तो माया के साथ आते हैं। साधारण मनुष्य माया को शाश्वत मान लेता है और अपने शरीर को प्रधान मान लेता है। जबकि शरीर नश्वर है। उन्होंने कहा कि भागवत बताती है कि कर्म ऐसा करो जो निस्काम हो वही सच्ची भक्ति है। कथा में मुख्य यजमान सुरेन्द्र पाण्डेय,मनोज पांडे , विनोद पांडे , अनिल पांडे , राजकरन मिश्र, भाई जी पांडे, बद्रीनाथ शर्मा,शिव भूषण, राकेश आदि लोगो रहे।

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