कमलेश
खमरिया खीरी:तमाम ऐतिहासिक विरासतों को संजोए घाघरा नदी की तलहटी में कार्तिक पूर्णिमा पर सजने वाले ठुठवा मेला लगने की जगह का चयन हो गया है। एसडीएम धीरेन्द्र सिंह व तहसीलदार आदित्य विशाल ने अधिकारियों संग मेला स्थल का निरीक्षण कर सम्बन्धित को मेला में आवश्यक व्यवस्थाएं ठीक करने के निर्देश दिए हैं। मालूम हो ठुठवा मेला की शुरुआत सैकड़ों वर्ष पहले जांगड़ा राजाओं ने की थी। उस समय मेला लगने का उद्देश्य राजा के साथ प्रजा के मिलन का था,कालांतर में राज प्रथा समाप्त होने के बाद मेला जनप्रतिनिधियों से मिलने का साधन बन गया है। अब सभी प्रमुख राजनैतिक पार्टियों के पांडाल ठुठवा मेले में सजते हैं। वही लाखों में लोगों के साथ साथ ऋषि मुनि नदी में स्नान कर मेले का लुप्त उठाते है।
ईसानगर क्षेत्र में कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले ऐतिहासिक मेला कतिकी मेला सहित कई अन्य नामों से मशहूर ठुठवा मेला कार्तिक माह की पूर्णिमा से शुरू हो कर करीब सात दिनों तक चलता है। पूर्व की भांति इस वर्ष भी ठुठवा मेला ईसानगर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत कबिरहा के मजरा राजापुर के पास ही सजेगा। जिसको लेकर सोमवार को एसडीएम धीरेन्द्र सिंह व तहसीलदार आदित्य विशाल ने मेला स्थल का निरीक्षण कर मेले में व्यवस्थाएं ठीक करने के अधिनस्थों को निर्देश दिए है। निरीक्षण के दौरान मेला जाने वाले रास्तों को सही करवाने के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं ठीक करना मुश्किलों से भरा होता है। जिसको लेकर मेला लगने से पहले ही तहसील प्रशासन व पुलिस प्रशासन कमर कसकर तैयारियों में जुट गया है। निरीक्षण के वक्त उपजिलाधिकारी धीरेन्द्र सिंह, तहसीलदार आदित्य विशाल के साथ ही धौरहरा सीओ पीपी सिंह,थानाध्यक्ष ईसानगर पंकज कुमार त्रिपाठी ,बीडीओ नीरज दुबे ,एडीओ शिवशीष श्रीवास्तव, ग्राम प्रधान सहित क्षेत्रीय लेखपाल व ग्रामीण मौजूद रहे।
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