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गूगल से पूछकर पैथोलॉजी लैब संचालक ने डॉक्टर से किया संपर्क, गंवाए लाखों, मुकदमा दर्ज



अखिलेश्वर तिवारी 

पिता का इलाज करने के लिए प्रतिष्ठित डॉक्टर का संपर्क सूत्र तलाशने के दौरान पैथोलॉजी लैब संचालक के साथ ऐसा खेल हो गया कि उसे पता भी नहीं चला और उसने लाखों रुपए गंवा दिए।

क्राइम जंक्शन से बात करते हुए पैथोलॉजी संचालक शिवेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने दूरभाष पर बताया कि उसके मोबाइल पर कोई OTP भी नहीं आई, इसके बावजूद उसके खाते से लाखों रुपए निकल गए। खाते से रुपए कट जाने के बाद में पैथोलॉजी संचालक के पैरों तले जमीन खिसक गई। स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराया।

मामला उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जनपद अंतर्गत उतरौला कोतवाली से जुड़ा हुआ है। उतरौला कस्बे के मोहल्ला आर्यनगर निवासी शिवेंद्र कुमार श्रीवास्तव पुत्र बृजेश किशोर श्रीवास्तव ने पुलिस को दिए गए शिकायती पत्र में कहा है कि बीते रविवार तड़के अपने पिता को दिखाने के लिए online नंबर फोन के माध्यम से Google से सर्च किया। डॉक्टर तलवार की साइट पर जाकर बुकिंग करने के लिए मोबाइल नंबर निकाला। साइड से निकाले गए नंबर पर फोन करके बुकिंग कराना चाहा तो फोन ऑपरेटर ने कहा कि मैं एक लिंक भेज रहा हूं। उस लिंक को ओपन करके₹10 भेजिए तब बुकिंग होगा। फोन ऑपरेटर के द्वारा बताए गए निर्देशानुसार पीड़ित में भेजे गए लिंक को ओपन करके₹10 भेजना चाहा,लेकिन वह फेल हो गया। तब पीड़ित ने लखनऊ जाकर डॉक्टर तलवार को दिखाया। 

मैसेज से खुला पोल

शिकायती पत्र में पीड़ित ने लिखा है कि उसके खाता से बुधवार को 199989 रुपया निकालने का मैसेज आया, तब उसे खाते से पैसा काटने की जानकारी प्राप्त हुई। सुबह होते ही बैंक जाकर पता किया तो पता चला कि यूनियन बैंक शाखा उतरौला के खाते से धोखाधड़ी करके रुपए ट्रान्सफर कर लिए गए हैं।

बिना OTP कैसे निकले रुपए

लैब संचालक ने बात करते हुए बताया कि साइट पर जाकर सर्च किए गए नंबर पर बात करने के दौरान फोन ऑपरेटर ने जी मीडिया फाइल करके TeamViewer टीमव्यूअर एप download कर दिया। जिससे मोबाइल हैक हो गया और मोबाइल में कोई मैसेज भी नहीं आया, ना कोई ओटीपी देने की आवश्यकता पड़ी। फोन ऑपरेटर ने दो लाख रुपए निकाल लिया। पैसा निकालने के 20 मिनट बाद मैसेज आने पर रुपए ट्रांसफर होने का ज्ञात हुआ।

मुकदमा दर्ज

पीड़ित के शिकायती पत्र के आधार पर उतरौला पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम 2008 66C के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दिया है।



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