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खीरी व बहराइच जनपद के बॉर्डर पर पिजंडे में कैद हुआ मादा तेंदुआ



धौरहरा व मोतीपुर रेंजर की अगुवाई में लगी टीमों ने ली राहत की सांस,ग्रामीणों में अभी भी बना हुआ है डर

कमलेश

खमरिया-खीरी:उत्तर खीरी वन रेंज धौरहरा व पड़ोसी जनपद बहराइच की मोतीपुर रेंज के बॉर्डर पर दो महीनों से छाए तेंदुओं की दहशत के बीच वन विभाग ने सोमवार की रात तेंदुए को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। बताया जाता है कि धौरहरा रेंज के बेलागढ़ी गांव व मोतीपुर रेंज के लोनियनपुरवा गांव के बीच में वन विभाग की संयुक्त टीमों द्वारा लगाए गए पिंजडे में बीती रात मादा तेंदुआ फंस गया। जिसकी नाइट विजन कैमरे से दूर बैठकर निगरानी कर रही वन विभाग की टीम अपने अधिकारी के साथ तुरन्त मौके पर पहुंच कर उसे बहराइच के नानपारा लेकर गए जहां पर मेडिकल परीक्षण के बाद उसे उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार प्राणी उद्यान भेज दिया गया। इधर तेंदुए के पकड़े जाने के बाद ग्रामीणों के साथ वन विभाग ने फिलहाल राहत की सांस ली है।

धौरहरा रेंज के नदी पार इलाके में व पड़ोसी जनपद बहराइच की मोतीपुर रेंज में पिछले करीब दो महीने से तेंदुए की दहशत फैली हुई थी। तेंदुए ने धौरहरा क्षेत्र में जहां एक बालक को घायल किया है वही मोतीपुर रेंज में अब तक पांच लोगों को निवाला बनाते हुए कई अन्य को घायल कर दहशत फैला दी। जिसको लेकर वन क्षेत्राधिकारी एनके चतुर्वेदी व मोतीपुर रेंजर की अगुवाई में वन विभाग की संयुक्त रूप से लगी टीमों ने जहां दो दिन पहले एक शावक को पकडने में कामयाबी हासिल की थी,वही उसके दो दिन बाद ही एक तेंदुए को पिंजड़े में कैद करने में कामयाब हो गए। सोमवार की रात तेंदुआ पिजंडे में कैद होने के बाद उसे बहराइच जनपद की रेंज में ले जाकर दुधवा से आए पशु चिकित्सक डॉ. दयाशंकर के साथ उच्च अधिकारियों को मौके पर बुलाया गया, जहां उसकी जांच कर पहले यह पता लगाया गया कि तेंदुआ आदमखोर तो नहीं हुआ है,उसके बाद उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देश पर उसे प्राणी उद्यान में छोड़ने की तैयारी शुरू कर दी गई। इस बाबत तेंदुए के पास मौजूद डिप्टी रेंजर रामकुमार ने बताया कि तेंदुए के पकड़े जाने के बाद से ग्रामीणों की दिक्कतें फिलहाल कम हुई है, बावजूद वहां टीम एक्टिव रहकर नजर रखेगी,वही पकड़े गए तेंदुए की चिकित्सकों से जांच करवाकर उच्च अधिकारियों के आदेश पर उसे प्राणी उद्यान भेजा जा रहा है। 

दो दिन पहले ही पिंजड़े में कैद हुआ था शावक

लोनियनपुरवा व बेलागढ़ी के बीच लगे एक पिंजड़े में दो दिन पहले ही एक शावक कैद हो गया था,जिसके बाद वन विभाग ने उसके साथ मादा तेंदुआ होने की पुष्टि कर लगे अन्य पिंजड़ो में उसके कैद होने का इंतजार शुरू कर दिया। यह इंतजार सोमवार की रात व मंगलवार को भोर में कामयाबी दिला गया। अपने शावक को खोजते खोजते मादा तेंदुआ पिंजड़े के दूसरे सिरे में बंधी सफेद बकरी का शिकार करने के लिए जैसे ही पिंजड़े में घुसी वैसे ही वह उसमें कैद हो गई। जिसको देख बेलागढ़ी में कैम्प लगाकर इंतज़ार कर रही वन विभाग की टीमों ने खुशी व्यक्त कर उच्च अधिकारियों को जानकारी दी।

ग्रामीणों में अभी भी क्षेत्र में तेंदुआ होने बनी हुई है आशंका

पिछले तीन दिनों में एक शावक के साथ तेंदुआ पकड़े जाने के बावजूद भी धौरहरा रेंज की गनापुर बीट में ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है इस बाबत बेलागढ़ी गांव के राजेश राजपूत,बेचेलाल राजपूत,मेवालाल, लवकुश राजपूत,मिजन अली, धीरज, राकेश राजपूत समेत अन्य लोगों ने बताया कि कुछ दिन पहले ही खेत से घर वापस जाते समय एक तेंदुए ने 10 वर्षीय बालक को घायल कर दिया था। आज तेंदुआ पकड़े जाने के बाद भी ऐसा लग रहा है कि क्षेत्र में और तेंदुए मौजूद है जिसको लेकर लोगों में अभी भी डर बना हुआ है।

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