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श्रीकृष्ण रूक्मणी विवाह का रोचक प्रसंग सुन भक्तिभाव में झूमे श्रद्धालु



असैनापुर गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में भक्तों की उमड़ रही भीड़

कुलदीप तिवारी 

लालगंज, प्रतापगढ़। क्षेत्र के असैनापुर गांव में चल रही संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। कथाव्यास पं. शेषधर मिश्र अनुरागी महराज ने कथा प्रसंग में भगवान श्रीकृष्ण का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपन के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कालयवन का वध, उद्धव-गोपी संवाद, उद्धव द्वारा गोपियों को अपना गुरू बनाना, द्वारिका की स्थापना तथा रूक्मणी विवाह को बहुत ही रोचक ढंग से बताया। कथाव्यास पं. शेषधर मिश्र ने बताया कि पंचगीत भागवत के पंचप्राण हैं जो भगवान श्रीकृष्ण के इन पंचगीतों को सच्चे मन से गाता है भगवान श्रीकृष्ण उसे भवसागर से पार लगाते हैं। कथा प्रसंग में कथा व्यास ने बताया कि महारास लीला में भगवान् श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आवाहन किया। इस लीला के द्वारा ही जीवात्मा का परमात्मा से मिलन हुआ। उन्होंने बताया कि जीव औ ब्रहम के मिलन को ही महारास कहते हैं। कथा के दौरान सुन मुरली की तान, दौड़ आयी संावरिया जैसे भजनों पर श्रद्धालु भक्तिभाव में झूमते दिखे। श्रीकृष्ण रूक्मणी विवाह की कथा के दौरान अद्भुत झांकी भी निकाली गयी। राधेकृष्ण के संकीर्तन से पाण्डाल और भक्तिमय हो उठा दिखा। कार्यक्रम के मुख्य यजमान राजकुमार शुक्ल व सुषमा शुक्ला ने अतिथियों का आभार जताया। इस मौके पर पं. सुधीर मिश्र, आचार्य राजेश मिश्र, शिव नारायण शुक्ल, ज्ञानप्रकाश शुक्ल, कृष्ण कुमार, कुलदीप मिश्र, कमल मिश्र, प्रभाकर मिश्र, अरूण शुक्ल, अनिल शुक्ल, मनोज, मनीष, शरद मिश्र, अंजनी आदि मौजूद रहे।

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