बीडीओ का आरोप
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में पिछले दिनों वजीरगंज ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी के पद से हटाए गए BDO शिवमणि के मामले ने बुधवार को अचानक तूल पकड़ लिया। न्यायालय का आदेश लेकर डीडीओ सुशील कुमार से बातचीत करने आए बीडीओ से डीडीओ की कहासुनी हो गई । देखते ही देखते मामला गरम हो गया।जिससे हाई वोल्टेज ड्रामा शुरू हो गया।कुछ देर तक चले हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद जब बीडीओ शिवमणि अपनी कार से निकल कर बाहर जाने लगे तो, विकास भवन के गेट का ताला बंद कर दिया गया , जिससे BDO शिवमणि घंटों तक फंसे रहे। मामले में नगर कोतवाली पुलिस को सूचना दी गई ।मौके पर दलबल के साथ कोतवाल पहुंचे लेकिन बैरंग वापस लौट गए।
बता दें कि पिछले दिनों वजीरगंज ब्लॉक में तैनात बीडीओ शिवमणि का तबादला कर जिलाधिकारी ने लखनऊ मुख्यालय के लिए रिलीव कर दिया है। शासन ने डीएम के आदेश को निरस्त किया और शासन से राहत मिलने के बाद डीएम ने बीडीओ को हलधरमऊ ब्लाक का चार्ज दे दिया। इस बाबत शिवमणि ने न्यायालय की शरण ली।न्यायालय ने मामले सुनवाई करते हुए 28 नवंबर की तारीख लगाते हुए आदेश दिया कि इनको अपने मूल ब्लॉक में यथावत रहने दिया जाए।
बीडीओ शिवमणि के मुताबिक बुधवार को जब वे जिला विकास अधिकारी से मिलने विकास भवन गए, तब वहां कहासुनी हो गई। देखते ही देखते मामला मारपीट तक पहुंच गया। शिवमणि का आरोप है कि इसके पहले भी 7 नवंबर को ddo सुशील कुमार ने उनको मारने के लिए दौड़ाया था। तब उन्होंने पुलिस अधीक्षक से शिकायत भी की थी। मामले आवश्यक कार्रवाई करने का निवेदन किया था। आज जब फिर से bdo न्यायालय के आदेश के क्रम में विकास भवन पहुंचे तो वहां मामला इतना गरम हो गया कि हाई वोल्टेज ड्रामा होने लगा।
इसके बाद जब बीडीओ विकास भवन से बाहर निकलने लगे, तो विकास भवन के उच्च अधिकारियों के आदेश पर विकास भवन के गेट में ताला लगा दिया गया । काफी देर तक गेट पर वे फंसे रहे। जिससे आने जाने वाले लोगों, फरियादियों और बैठक के लिए आए अफसरों को भी कड़ीमशक्कत करनी पड़ी। घटना के बाबत सूचना मिलने पर नगर कोतवाल राजेश सिंह मौके पर पहुंचे लेकिन, वह भी बैरंग वापस लौट गए। काफी देर तक हुए प्रशासनिक ड्रामे के बाद विकास भवन का ताला खुला और शिवमणि बाहर आ गए।
वहीं बीडीओ शिवमणि का आरोप है कि उनका गलत तरीके से स्थानांतरण कर दिया गया है, अब उच्च अधिकारी न्यायालय का आदेश भी मानने को तैयार नहीं है। BDO शिवमणि ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए, अफसरों के अलावा न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई हैं। फिराहल इस हाई प्रोफाइल मामले में जनपद के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
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