अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर मे 10 नवम्बर 2023 को स्वदेशी जागरण मंच कार्यलय में दतोपन्त ठेंगड़ी का जन्मदिन समारोह का आयोजन स्वदेशी जागरण मंच के प्रान्त सह संयोजक वंशीधर मिश्र व स्वावलंबी भारत अभियान के जिला समन्वयक डॉo राजीव रंजन के द्वारा किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एम एल के पी जी कालेज के प्राचार्य प्रोफेसर जनार्दन प्रसाद पाण्डेय एवं विशिष्ट अतिथि स्वदेशी जागरण मंच के प्रान्त संघर्ष प्रमुख डॉo राकेश चन्द्रा रहे। कार्यक्रम में प्रोफेसर के के सिंह, स्वदेशी जागरण मंच के जिला सह संयोजक मंगल बाबू, जिला कोषाध्यक्ष रघुनाथ प्रसाद शुक्ला, वनवासी कल्याण आश्रम के विभाग संगठन मंत्री सचिन सहित तमाम छात्र छात्राएं व सम्भ्रान्त नागरिक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम मे ठेंगड़ी जी के चित्र पर प्राचार्य एवं उपस्थित लोगों द्वारा माल्यार्पण व पुष्प अर्पित करके धूप दीप व रोली लगाया गया। रघुनाथ प्रसाद शुक्ला द्वारा मंगलाचरण किया गया । वंशीधर मिश्र द्वारा ठेंगड़ी जी के जीवन परिचय में बताया गया कि आपका जन्म महाराष्ट्र के वर्धा जिले में आज के दिन 10 नवंबर 1920 में हुआ था। बालकाल्य से ही 12 वर्ष की उम्र मे वे स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गए और लोकल बानर सेना के अध्यक्ष बना दिये गए। आपके पिता जी माने जाने वकील थे जो आपको वकील बनाना चाहते थे, परन्तु ठेंगडी जी को भारत माता को आजाद कराने की धुन लगी थी।
सन 1934 में आपकी भेंट डाक्टर केशव राव बलिराम हेडगेवार प्रथम सर संघ चालक से हुई, जिनके विचारों का इनके ऊपर गहरा प्रभाव पड़ा। कुछ समय पश्चात आप वकालत की पढ़ाई के लिए नागपुर आ गए और यहीं पर आपकी भेंट द्वितीय सर संघ चालक गुरु गोलवलकर से हुई । गोलवलकर जी के विचारों से प्रभावित होकर आप 1941 मे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए। संघ में आपने केरल व बंगाल में प्रचारक का कार्य किया। गुरूजी के निर्देश पर आप कांग्रेस के ट्रेड यूनियन इंटक से जुड़कर ट्रेड यूनियन का काम सीखा और चाइना जाकर भी ट्रेडयूनियन के विषय मे अध्ययन किया तथा काम देखा । ततपश्चात भारत आकर भारतीय मजदूर संघ का गठन किया जो मजदूरों का विश्व मे सबसे बड़ा संग़ठन बना । उन्होंने भारतीय किसान संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, ग्राहक पंचायत, सामाजिक समरसता मंच, सहकार भारती, अधिवक्ता परिषद, स्वदेशी जागरण मंच समेत आठ संग़ठन खड़ा किया और चार संग़ठन के निर्माण में महती भूमिका निभाई। आप दो बार राज्यसभा के सांसद रहे।1977 में मोरारजी देशाई की सरकार में आपको श्रममंत्री बनाये जाने का प्रस्ताव मिला परन्तु आप अनासक्त कर्मयोगी बने रहे और विनम्रता पूर्वक मना कर दिया । 2003 में आपको पदम् भूषण सम्मान के लिए चुना गया परन्तु आपने राष्ट्रपति महोदय को पत्र लिखकर कहा कि जब तक डॉक्टर हेडगेवार साहब और गुरुजी को भारत रत्न नहीं मिलता है तब तक मैं कोई सम्मान नहीं लूँगा । कार्यक्ररम के मुख्य अतिथि भाजपा नेता व प्राचार्य व डॉक्टर जनार्दन पांडेय प्राचार्य द्वारा विस्तार पूर्वक ठेंगडी जी के जीवन वृत्तांत पर व्याख्यान दिया गया। डॉक्टर राकेश चन्द्रा द्वारा कहा गया कि ठेंगडी जी के जीवन दर्शन से हम लोगों को प्रेरणा लेना चाहिए।डॉक्टर राजीव रंजन द्वारा अतिथियों एवं उपस्थित सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त करके मिष्ठान वितरण कर कार्यक्रम का समापन किया गया ।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ