अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर मे शनिवार को राष्टीय स्वास्थ्य मिशन के राष्टीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम से संबद्ध विनायक कॉस्मेटिक सर्जरी एवं लेजर सेंटर लखनऊ द्वारा जन्मजात मूक व बधिर बच्चों के पंजीकरण शिविर का आयोजन जिला संयुक्त चिकित्सालय बलरामपुर के परिसर में किया गया । इस दौरान विभागीय चिकित्सकों एवं विनायक कॉस्मेटिक सर्जरी एंड लेजर सर्जरी की टीम ने बच्चों का परिक्षण एवं पंजीकरण किया।
25 नवंबर को जिला संयुक्त चिकित्सालय में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में लगभग 50 में से 41 बच्चे आपरेशन एवं अन्य जाँच हेतु लखनऊ बुलाए गए और यह क्रम अभी जारी रहेगा । यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मुकेश कुमार रस्तोगी ने दिया।उन्होंने बताया कि जन्मजात बिमारियों से ग्रसित बच्चों को समस्या व उनके निदान के लिये बेहतर चिकित्सा सेवा सुविधा को प्रदेश में प्रचारित - प्रसारित करने की आवश्यकता है।उन्होंने ने कहा संस्था के निदेशक डॉ.रोहित भाटिया सार्थक भूमिका निभा रहे हैं । डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव अपर मुख्य चिकत्सा अधिकारी ने बताया पंजिकरण की प्रकिया 25 नवंबर के बाद भी जारी रहेगी । जिसमें रोगियों का सम्पूर्ण इलाज किया जायेगा । जो मरीज पंजीकरण का लाभ नही उठा पाए वो बाद में भी पंजीकरण करवा सकते है,अधिक जानकारी के लिए विनायक कॉस्मेटिक जर्जरी लेजर सेंटर संस्था के प्रतिनिधि रमेश अवस्थी के मोबाईल नंबर 9454772206 पर संपर्क स्थापित किया जा सकता है।मुख्य चिकित्सा अधिक्षक डॉ राज कुमार वर्मा ने बताया कि यह जन्मजात मूक बधिर अन्य विकारों की अपेक्षा बच्चों में अधिक देखने को मिलता है। माता पिता शुरुआती दौर में इस बीमारी को समझ नही पाते हैं। समय से उचित चिकित्सीय परामर्श व चिकित्सा न मिलने से इस बीमारी का इलाज मुस्किल हो जाता है।उन्होंने कहा पैदाइशी मूक व बधिर बच्चा 5 वर्ष तक और कटे तालू वाले बच्चे का इलाज जन्म के 8,10 माह के दौरान किया जाए तो बच्चे के चहरे पर जीवन भर मुस्कान रहती है। इस संस्था का यही वास्तविक उद्देश्य है। यदि बच्चे की उम्र उसके आगे निकल गई है तो भी सर्जरी हो सकती है लेकिन सही समय पर सर्जरी कराने से नतीजा सामान्य से ज्यादा अच्छा होता है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डीoई0आई0सी0 प्रबंधक शीतांशु रजक ने बताया की भविष्य में भी इस तरह के शिविर जन मानस के भलाई के लिए लगाए जायेंगे।उन्होंने परीक्षण एवं पंजीकरण को सफल बनाने में जिला संयुक्त चिकित्सालय के समस्त स्टाफ आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मोबाइल हेल्थ टीमों के सदस्य की अहम भूमिका रही।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ