अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर मे 30 नवंबर को देश व प्रदेश के सबसे पिछड़े जिले होने का दंश झेल रहे बलरामपुर जिले में दुर्गापुर रेलवे अंडरपास का भूमि पूजन करके विधान परिषद सदस्य सकेत मिश्रा ने रेलवे अधिकारियों के साथ पूजन अर्चन के उपरांत निर्माण कार्य प्रारंभ कराया । बताया जा रहा है कि बलरामपुर जिले मे अब विकास की नई इमारत लिखी जा रही है।
तमाम तरह की सुविधाएं विकसित करने के साथ-साथ केंद्र व प्रदेश की सरकार द्वारा यहां पर ढांचागत विकास को गति देने का काम भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज एक प्रयास को बल मिलता दिखाई दिया। दुर्गापुर गैंजहवा समेत तकरीबन 50 गांव के लोग एक अंडरपास ना होने की वजह से हर बरसात के मौसम में टापू के जैसे चारों तरफ पानी से गिर जाया करते थे। पिछले वर्षों से करीब 50 गांव के लोगों द्वारा यह मांग की जा रही थी कि गैंजहवा दुर्गापुर रोड पर एक रेलवे ओवरब्रिज या अंडरपास ब्रिज का निर्माण करवाया जाए, जिससे आवागमन, खेती किसानी व अन्य क्रियाकलापों में ग्रामीणों को लाभ मिल सके। आजादी के कई वर्षों बाद भी जब रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण नहीं हो सका तो ग्रामीणों ने आंदोलन करना शुरू कर दिया था। इस आंदोलन के का पता जब पूर्वांचल विकास बोर्ड के सलाहकार व विधान परिषद के सदस्य सकेत मिश्रा को एक ज्ञापन के माध्यम से पता चला तो उन्होंने गांव जाकर समस्या को देखने का काम किया। ग्रामीणों की शिकायत पर वह भारत सरकार में रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव से मिले और उन्होंने ग्रामीणों की समस्या से रेल मंत्री को अवगत कराया। कई पर की लिखा-पढ़ी और मुलाकात के बाद रेलवे के अधिकारियों ने इस समस्या को समझा और गैंजहवा दुर्गापुर मार्ग पर एक रेलवे अंडरपास ब्रिज के निर्माण की रूपरेखा तैयार की। अंडरपास को स्वीकृति मिलने के बाद ग्रामीण लगातार इस बात की मांग कर रहे थे कि जल्द से जल्द अंडरपास ब्रिज का शिलान्यास करके निर्माण कार्य की शुरुआत की जाए। इस बाबत आज अंडरपास ब्रिज बनने वाले स्थल पर शिलान्यास का कार्यक्रम किया जाए। गुरुवार को सकेत मिश्रा व रेलवे के अधिकारियों द्वारा रेलवे अंडरपास ब्रिज का शिलान्यास किया गया। पूजा पाठ के बाद सकेत मिश्रा और रेलवे के अधिकारियों ने नारियल फोड़कर ब्रिज के निर्माण का कार्य शुरू करवाया। सकेत मिश्रा ने बताया कि यह रेलवे ओवर ब्रिज करीब 2 लाख की आबादी के लिए फायदेमंद साबित होगा। इस अंडरपास ब्रिज के बन जाने से नेशनल हाइवे 730 से महाराजगंज जाने का एक अन्य रास्ता भी बन जाएगा। जिससे आम लोगों को कम दूरी तय करनी पड़ेगी। उन्होंने बताया कि बरसात के मौसम में तकरीबन 2 लाख की आबादी को भीषण समस्या झेलनी पड़ती थी। उनकी खेती किसानी वह बीमार लोगों को असुविधा होती थी। इस अंडरपास के बन जाने से इन सभी दिक्कतों यहां के आम जनमानस को निजात मिलेगा।
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