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BALRAMPUR...पायनियर पब्लिक स्कूल के बच्चों ने मनाया धनतरेस व दीपोत्सव त्यौहार



अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय के अंग्रेजी माध्यम विद्यालय पायनियर पब्लिक स्कूल एंड कॉलेज में शुक्रवार को भगवान धनवंतरि जयंती धनतेरस तथा दीपोत्सव का पर दीपावली हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।


10 नवंबर 2023 को शहर के अग्रेंजी माध्यम विद्यालय पॉयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कॉलेज में ‘धनतेरस एवं दीपावली‘ का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सर्वप्रथम दीपावली के पूर्व संध्या तथा धनतेरस के शुभ अवसर पर विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी की संरक्षता में किड्स जोन से होते हुए भगवान राम, लक्ष्मण एवं सीता की एक शोभा यात्रा निकाली गयी। शोभायात्रा विद्यालय के आडोटोरियम हाल में पहुंची जहां पर विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डॉ0 एम0पी0 तिवारी ने गुरू तथा तीनों माताओं सहित भगवान राम, लक्ष्मण, सीता तथा हनुमान जी की माल्यापर्ण करके आरती उतारा । 


धनतेरस मौके पर सांस्कृति कार्यक्रम एवं ग्रीटिंग कार्ड बनाने का आयोजन किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में सर्वप्रथम एक सुन्दर सा समूह नृत्य गीत-राम आये अवध की ओर सजनी नामक गीत पर सौम्या, मरियम, रत्नप्रिया, आरोही, श्रेया, श्रृष्टि, मेधावी एवं मानवी ने सुन्दर नृत्य प्रस्तुत किया । कार्यक्रम में आदित्य (राम), वैष्णवी ने (सीता), अर्थव (लक्ष्मण) एवं अभ्युदय एवं शिवांस (हनुमान), ख्याति (कौशिल्या), अनुष्का (सुमित्र), रिया (कैकेयी) का अभिनय करके दर्शकों का मन मोह लिया । आडोटोरियम हाल से भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, सीताजी, हनुमानजी एवं माताओं सहित विद्यालय के प्रांगण में दीपक जलाकर विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डॉ0 तिवारी सहित समस्त अध्यापक अध्यापिकाओं ने स्वागत किया गया । 


इसी क्रम में समस्त छात्र-छात्राओं ने सुन्दर-सुन्दर ग्रीटिंग कार्ड बनाकर अध्यापक अध्यापिकाओं को देकर तथा अध्यापक अध्यापिकाओं चरण स्पर्श करके धनतेरस एवं दीपावली की शुभकामनाएं दी। विद्यालय केे समस्त अध्यापक व अध्यापिकाओं ने छात्र-छात्राओं को आशीर्वाद दिया। अन्त मे प्रबन्ध निदेशक डा0 तिवारी ने बच्चों को बताया कि दीपावली पर्व कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। दीपावली भारत के सबसे बड़े और सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। दीपावली दीपों का त्योहार है। अध्यात्मिक रूप से यह ‘अन्धकार पर प्रकाश की विजय‘ को दर्शाता है। दीपावली के दिन भगवान राम 14 वर्षो के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण और उनके उत्साही भक्त हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे । अमावस्या की रात होने के कारण दीपावली के दिन काफी अंधेरा होता है, जिस वजह से उस दिन पूरे अयोध्या को दीपों और फूलों से श्री रामचंद्र के लिए सजाया गया था। तब से लेकर आज तक इसे दीपों का त्योहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है। बच्चे इस दिन अपनी इच्छानुसार फुलझड़िया तथा अन्य पटाखे खरीद कर आनंद उठाते है। साथ ही हमे इस बात को समझना होगा कि दीपावली के त्योहार अर्थ दीप, प्रेम और सुख-समृद्धि से है। दीपावली का त्योहार हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। दीपावली का त्योहार सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। इस त्योहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुयी है। उन्होंने बताया कि दीपावली का त्योहार करीब 5 दिनों का होता है। पहले दिन धनतेरस होता है। धनतेरस के दिन लोग धातु की वस्तुओं जैसे सोने और चांदी के आभूषण को खरीद कर अपने घर लाते है। दीपावली के दूसरे दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। जिसे छोटी दीपावली के रूप में मनाते है। तीसरे दिन दीपावली त्योहार का मुख्य दिन होता है। इसमें महालक्ष्मी और श्री गणेश जी की पूजा की जाती है। दीपावली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। साथ ही यह बताया कि आप सभी लोग दीपावली के अवसर पर अपने आस-पास के कूड़ा-करकट तथा घर की साफ-सफाई इत्यादि करके घर को सुन्दर बनायें। साथ ही बच्चों द्वारा समूह नृत्य की प्रस्तुति को देखकर समस्त प्रतिभागिओं का उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर विद्यालय, उप प्रधानाचार्या प्रधानाचार्य शिखा पाण्डेय, राघवेन्द्र त्रिपाठी सहित समस्त अध्यापक अध्यापिकाओं नें छात्राओं के मनमोहक कार्यक्रम को देखकर सराहना की तथा बच्चों को प्रोत्साहित किया।

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