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स्वदेश सरस्वती विद्या मन्दिर में मनाया गया विजय दशमी उत्सव



आनंद गुप्ता 

महराजगंज रायबरेली वन्दना सभा में छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य वीरेन्द्र वर्मा ने कहा कि विजय दशमी उत्सव मनाने का उद्देश्य राममय जीवन जीना। श्री राम का नाम हमारे जीवन का आधार एवं राम चरित मानस तो मानव जीवन का संविधान है। ऋतु मिश्रा ने विजय दशमी का महत्व बताते हुए कहा यह उत्सव बुराई व आतंक पर सच्चाई व नैतिकता की जीत है। हमे श्री राम का अनुयाई बनने का संकल्प लेना चाहिए। अश्वनी अवस्थी ने सुन्दर भजन 

तुम्हारी करुणा की प्रेम वर्षा,

सभी जनों पर बरस रही है।

तुम्हारी रहमत से मेरे रघुबर,

हमारी किस्मत चमक रही है।।

से सभी छात्र छात्राओं को मंत्र मुग्ध किया आचार्य आशीष ने ढोल बजाकर वातावरण को संगीतमय कर दिया। 

श्री राम चरित मानस मानव जीवन का संविधान:वीरेन्द्र वर्मा

श्री राम की महिमा का मार्मिक वर्णन करते हुए प्रधानाचार्य वीरेन्द्र वर्मा ने कहा कि श्री राम का जीवन सर्व समाज के लिए अनुकरणीय है। लंका विजय के पश्चात अपने युद्ध साथियों को गुरु का परिचय कराते हुए कहते हैं..

गुरु वशिष्ठ कुल पूज्य हमारे,

इनकी कृपा दनुज रन मारे

मां और गुरु द्वारा पूछे जाने पर अपने साथियों को ही जीत का श्रेय देते हैं और कहते हैं कि..

ये सब सखा सुनहु मुनि मेरे

भए समर सागर मह बेरे। 

जन्म से पूर्व व मृत्यु के पश्चात तक सनातन परम्परा श्रीराम के नाम के साथ अनुबन्धित है। राम नैतिकता हैं, सनातन का आधार हैं राम, मुलाकात में राम राम, दुःख में राम. राम..राम..., पश्चाताप में रामै राम, सन्तोष में रा.. म, विश्वास का आधार राम शपथ और अन्त में अन्तिम यात्रा में भी राम नाम ही सत्य है।अतः मानव जीवन का संविधान है भगवान श्री राम का चरित्र .. श्री राम चरित मानस। राम मतलब अहंकार शून्यता,  सकारात्मकता की प्रतिमूर्ति, समर्पण की पराकाष्ठा, कहते हैं विद्या ददाति विनयम अर्थात विद्या प्राप्ति का उद्देश्य विनम्रता से युक्त होना है। ऐसा हम सभी भैया बहन कर पाए तो आज के इस विजय दशमी उत्सव को मनाने की सार्थकता सिद्ध होगी। हम सभी राममय बने ऐसी शुभेच्छा।

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