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लालगंज में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में रचनाकारों की पंक्तियां सुनकर भावविभोर हुए श्रोता



अभय शुक्ला 

लालगंज, प्रतापगढ़। स्थानीय नगर पंचायत के कालाकांकर रोड पर स्थित मां सरस्वती लाइब्रेरी हॉल में रविवार को अपरान्ह हिन्दी साहित्य अकादमी के सौजन्य से राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। कवि सम्मेलन का शुभारंभ आल इण्डिया रूरल बार के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानप्रकाश शुक्ल व लाइब्रेरी के प्रबन्धक रमेश प्रताप सिंह ने मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन व माल्यार्पण कर किया। इसके पश्चात मंच कवियों व साहित्यकारों के हवाले हुआ। कवि सम्मेलन में सुल्तानपुर के कवि पुष्कर सुल्तानपुरी ने हम क्या करेंगे उनकी नसीहतों को गर्दन कटा है सीखा है मुस्कुराना सुनाया। वहीं कानपुर के पधारे कवि अग्निहोत्री ने तुम मुझसे क्या प्यार करोगे तुम तो सिर्फ कारोबार करोगे सुनाया तो युवा पीढ़ी झूम उठी। फतेहपुर से आये शिवशरण बन्धु ने रहते रहते घर मे घर हो जाते हैं सुनाया तो तालियां बजी। संचालन करते हुए लवलेश यदुवंशी ने भरत की आंख में आंसू कभी पलने नही देना श्रीराम को वनवास में चलने नही देना सुनाकर श्रोताओं का मन मोहा। कवि संदीप शरारती, अर्चना सिंह, रंजीत राही, धनंजय शाश्वत आदि ने काव्यपाठ कर श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर किया। कार्यक्रम के दौरान ज्ञानप्रकाश शुक्ल, आनंद सिंह, आरबी सिंह, सौरभ त्रिपाठी, विजय प्रताप सिंह, मनोज सिंह, गौरीशंकर त्रिपाठी, शुभम श्रीवास्तव आदि को विभिन्न क्षेत्रों मे उत्कृष्ट योगदान के लिए हिन्दी साहित्य अकादमी द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर कमलेश कमल, अखिलेश यादव, संजय सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, वेद गिरि, ओपी सिंह, आदि मौजूद रहे।

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