ओपी तिवारी
गोण्डा:कर्नलगंज नगर के गुङाही बाजार रामलीला भवन में डिजिटल एलइडी वॉल के माध्यम से श्री रामलीला प्रारंभ के द्वितीय दिवस पर ऋषि के यज्ञ में प्रजापति दक्ष आगमन पर भगवान शंकर के द्वारा उनका अभिवादन न किए जाने पर राजा दक्ष क्रोधित हो जाते हैं, उसी अपमान का बदला लेने के लिए राजा दक्ष अपने यहां यज्ञ का आयोजन करते हैं ,जिसमें सभी देवताओं को आमंत्रित करते हैं किंतु भगवान शिव को आमंत्रित नहीं करते हैं नारद जी के द्वारा पता चलने पर सती शिव द्वारा रोकने के बाद भी हठ करके पिता दक्ष के यज्ञ में चली जाती हैं दक्ष सती को अपमानित करके लौट जाने को कहते हैं तथा शिव की भी अवहेलना करते हैं सती को ग्लानि हो जाने पर उसी के यज्ञ कुंड में योग अग्नि द्वारा भस्म हो जाती हैं सती पार्वती के रूप में राजा हिमाचल के यहां पुनर्जन्म लेती हैं और शिव को पति रूप में पाने हेतु तप करती हैं उधर देवगण समाधिस्थ शिव की समाधि भंग करने हेतु कामदेव को भेजते हैं शिवजी अपने तीसरे नेत्र की अग्नि से कामदेव को भस्म कर देते हैं हिमाचल के साथ देवगण शिव के पास जाते हैं ,और पार्वती से विवाह हेतु माना लेते हैं बारातियों के साथ भगवान शंकर हिम नगरी पहुंचते हैं, बहुत ही धूमधाम के साथ शिव का विवाह पार्वती जी से होता है ।और मंगल गान नृत्य भी होता है, उधर तारकासुर के अत्याचार से पीड़ित देवगणों को मुक्ति दिलाने हेतु पार्वती पुत्र स्वामी कार्तिकेय युद्ध करके उनका वध कर देते हैं उसके पश्चात स्नान हेतु जाने के लिए तत्पर पार्वती अपने हाथ की मेल से एक पुतला बनाती हैं। जो बालक रूप में परिवर्तित होकर द्वार रक्षक बन जाता है इतने में भगवान शंकर आ जाते हैं ,उन्हें वह बालक ग्रह में प्रवेश नहीं करने देता है शिव क्रोध में उसका मस्तक त्रिशूल से विच्छेद कर देते हैं पार्वती जब जाकर देखती हैं तो काली का रूप बनाकर सृष्टि का विनाश करना चाहती हैं, किंतु ब्रह्मा जी और विष्णु जी उन्हें शांत कर देते हैं एक नवजात हाथी के बच्चे का शीश चक्र से कटकर विष्णु जी लाकर उसे बालक के धड़ से जोड़ देते हैं, वह बालक जीवित हो जाता है ,तो वही प्रथम पूज्य गणेश बनकर देवताओं व भक्तों का रक्षक बनता है रिद्धि सिद्धि दाता विद्या बुद्धि विनायक बनता है ,
इस मौके पर रामलीला कमेटी के वरिष्ठ पदाधिकारी श्री भगवान साह अध्यक्ष ोहित पाण्डे, कैलाश सोनी, अंकित जायसवाल, दीपक सोनी, अनुज जायसवाल, अशीष गिरी ,शिव नन्दन वैश्य, गिरिजा शंकर महंत ,तानू, चन्द्र प्रकाश शुक्ला ,विश्वनाथ साह, कन्हैया वर्मा , मौजूद रहे।
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