अभय शुक्ला
प्रतापगढ़ :सृजना साहित्यिक संस्था उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की 87 वीं पुण्यतिथि पर सरस कुटीर सगरा सिटी रोड में कार्यक्रम आयोजित किया गया। सर्वप्रथम मुंशी प्रेमचंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित की गई। जीवन के आरंभिक सेवाकाल में प्रतापगढ़ के डिस्ट्रिक्ट स्कूल में शिक्षण कार्य करने वाले एवं प्रतापगढ़ की माटी पर साहित्य साधना करने वाले महान कथाकार मुंशी प्रेमचंद के कृतित्व व व्यक्तित्व पर गहन चर्चा भी हुई।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ० दयाराम मौर्य "रत्न" ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद का साहित्य यकीनन आम जनमानस का साहित्य दर्पण है। उन्होंने आमजन की व्यथा एवं व्यवस्था की वास्तविक स्थिति का यथार्थ लेखन किया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ कहानीकार प्रेम कुमार त्रिपाठी "प्रेम" ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ अंतिम व्यक्ति की व्यथा का सजीव चित्रण है। उनकी प्रत्येक कहानी समाज को आईना दिखाने का कार्य करती है।इस अवसर पर कुंजबिहारी लाल मौर्य काकाश्री, श्रीनाथ मौर्य सरस, अनिल कुमार निलय, सूरज मौर्य आदि साहित्यकारों ने मुंशी प्रेमचंद की जीवनयात्रा पर विचार-विमर्श करते हुए अपने विचार रखे।कार्यक्रम का संचालन अनिल कुमार निलय ने किया।
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