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प्रधानाचार्य ने दो अध्यापकों के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा, विद्यालय से फरार हो गए शिक्षक, पूरा मामला जानकर होगी हैरानी



अखिलेश्वर तिवारी 

 उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड से सत्यापन कराए जाने के बाद नियुक्ति फर्जी पाई गई। जिससे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।

एक इंटर कॉलेज के दो शिक्षकों की नियुक्ति में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड से सत्यापन कराए जाने के बाद गणित और हिंदी के शिक्षक की नियुक्ति फर्जी पाए जाने पर हड़कंप मच गया है। जिला विद्यालय निरीक्षक के निर्देश पर कॉलेज के प्राचार्य ने दोनों अध्यापकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराया है।

 उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के डीएवी० इण्टर कालेज में गोरखपुर जिले के रामगढ़ ताल रेलवे कॉलोनी निवासी विकास चंद्र मिश्रा पुत्र चंद्र मिश्रा गणित विषय के तथा देवरिया जनपद के परसिया वंशी चरडीहा गांव निवासी भूपेंद्र यादव सहायक अध्यापक हिंदी के पद पर तैनात थे। जिसमें10 सितंबर 2021 को गणित के अध्यापक विकास चंद्र मिश्रा की नियुक्ति हुई थी। तथा 6 अगस्त 2021 को भूपेंद्र यादव की नियुक्ति हुई थी। इस कॉलेज में एक महीने के अंतराल में इन दोनों शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। दोनों अध्यापक कोषागार से वेतन प्राप्त कर रहे थे। इन दोनों की नियुक्ति संदिग्ध होने पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने विकास चंद्र मिश्रा और भूपेंद्र यादव का माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड से सत्यापन कराया गया। जिस पर चयन बोर्ड ने जारी पैनल को पूर्ण रुप से फर्जी बताया गया है। पैनल ने चयन को फर्जी करार दिया। जिसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षक ने दोनों अध्यापकों की नियुक्ति निरस्त करते हुए वेतन रिकवरी तथा कॉलेज के प्राचार्य को इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिया। जिसके क्रम में कॉलेज प्राचार्य मेजर हरि प्रकाश वर्मा ने दोनों अध्यापकों के खिलाफ नगर कोतवाली में धोखाधड़ी जालसाजी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। बताया जाता है कि नियुक्ति की जांच शुरु होते ही दोनों अध्यापक कॉलेज से नौ दो ग्यारह हो गए है।

नगर कोतवाली बलरामपुर के प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि प्राचार्य के तहरीर पर दोनों अध्यापकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी गई है।

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