कमलेश
खमरिया खीरी:अच्छे समाज के निर्माण का सकल्प लेकर, मानव समाज में प्रभु के प्रति भाव भक्ति का जज़्बा पैदा करने के लक्ष्य के साथ जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था, मथुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सन्त बाबा जयगुरुदेव के उत्तराधिकारी पंकज महाराज वर्तमान में लखीमपुर खीरी जनपद में खण्ड ब्लाक स्तरीय सत्संग समारोह व यात्रा कर रहे हैं। उसी क्रम में सोमवार को वह अपने 57वे पड़ाव पर ईसानगर क्षेत्र के कटौली पहुचे जहां हजारों भक्तों ने उनका स्वागत सम्मान कर यात्रा में शामिल हुए। वही हजारों लोगों के एकत्रित होने को देख कोई अप्रिय घटना घटित न हो उसको ध्यान में रखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल चप्पे चप्पे पर मुस्तैद रहा।
सोमवार को अपने 57वें पड़ाव ईसानगर क्षेत्र के कटौली बाजार में 108 दिवसीय शाकाहार-सदाचार मद्यनिषेध,आध्यात्मिक-वैचारिक जनजागरण यात्रा के साथ पहुचे जय गुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था के संत पंकज महराज का हजारों लोगों ने पुष्प वर्षा व ढोल नगाड़ों, गाजे बाजे के साथ भव्य स्वागत किया। उसके बाद आयोजित सत्संग समारोह में उन्होंने कहा कि प्रेमी भाई बहनों! जन्म-जन्मान्तरों के पुण्य कर्म जब उदय होते हैं तो हमको यह मनुष्य शरीर मिलता है और जब सन्तों की विषेष दया जीवों पर होती है तभी सत्संग मिल पाता है। ‘‘बड़े भाग्य पाइया सत्संगा।’’ सत्संग कोई कथा कीर्तन नहीं, गाना, बजाना नहीं, ढोल मंजीरा नहीं, यहां तो बस प्रभु की प्राप्ति के लिये भक्ति का भाव जगा जाता है। आपको साधू नहीं बनाना, घरबार नहीं छोड़ना, अपनी-अपनी गृहस्थी में रहते हुये खेती, दुकान, दफ्तर का काम मेहनत, ईमानदारी से करते हुये 24 घण्टे में घण्टे दो घण्टे का समय निकाल कर भगवान का सच्चा भजन मनुष्य शरीर में कर लें तो मानव जीवन पाने का लक्ष्य पूरा हो जायेगा। भजन कोई गाने बजाने का नाम नहीं। यह तो उस ईष्वरीय बाजे को सुनने का नाम है जो हमारे आपके शरीर में चौबीसों घण्टे बजता रहता है लेकिन हमको सुनाई इसलिये नहीं देता है कि हमारे बुरे व खोटे कर्मों से जीवात्मा की वह तीसरी आंख व तीसरा कान बन्द हो गया। अब तो किसी जगे हुये सन्त महात्मा की खोज करके उनसे कलयुग की सरल साधना (सुरत शब्द योग) का मार्ग लेकर अन्तरी साधना के द्वारा अपनी आत्मा को जगाना होगा। तभी कर्मों के परदे छँटेंगे और हमें वेदवाणी, अनहदवाणी, कलमा मरने के पहले सुनाई पड़ने लगेंगे। इसके अलावा यह भी बताया कि हमारे गुरु महाराज परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने इसी साधना का भेद ‘‘नामदान’’ देकर देश में करोड़ों लोगों की आपराधिक प्रवृत्ति छुड़ाकर उनको गृहस्थ साधु बना दिया। हम राम को, कृष्ण को मानते हैं। यदि आप राम और कृष्ण को मानते हो तो उनके आदर्शों पर भी चलना सीखो। राम ने कभी नहीं कहा कि तुम मांस खाओ। कृष्ण ने कभी नहीं कहा कि तुम शराब पियो। यहां तक कि सभी धर्मों की एक ही आवाज है अहिंसा, परमो धर्मः। आप किसी जीव को बना नहीं सकते हो तो मिटाने का अधिकार आपको किसने दिया? इसकी भारी सजा आपको भुगतनी पड़ेगी। साथ ही नशे से दूर रहने की अपील करते हुये कहा कि यदि आप अच्छा समाज, खुशहाल समाज बनाना चाहते हैं तो शाकाहारी रहें और नशे से परहेज करें।
हजारों की संख्या देख पुलिस रही मुस्तैद
पंकज महराज के कार्यक्रम में क्षेत्र से हजारों की संख्या में पहुचे भक्तों को देख थानाध्यक्ष पंकज त्रिपाठी ने सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए चप्पे चप्पे पर पुलिस के जवानों को मुस्तैद कर दिया। जिसके चलते वहां कोई अराजकतत्व भीड़ में नहीं पहुच सका जिसको संज्ञान लेते हुए बाबा जी की अगुवाई कर रही टीम ने सहयोग के लिए पुलिस का आभार भी व्यक्त किया। इस दौरान मुख्य रूप से मनोहर सिंह,सियाराम यादव,श्रीकृष्ण यादव,नरेन्द्र यादव,ओम शंकर लाला, ग्राम प्रधान दिनेश दीक्षित,राजेश जायसवाल, ओंकार यादव के साथ संस्था के पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।
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