गोंडा:आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर गोंडा में सरसों उत्पादन तकनीक विषयक एक दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ । प्रशिक्षण का शुभारंभ केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉक्टर पी.के. मिश्रा द्वारा किया गया । उन्होंने किसानों से सरसों की फसल में गंधक के प्रयोग को जरूरी बताया । उन्होंने बताया कि गंधक के प्रयोग से फसल की उपज के साथ ही तेल की मात्रा में भी वृद्धि होती है । प्रशिक्षण समन्वयक डॉक्टर रामलखन सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक शस्य विज्ञान ने बताया कि सरसों की उन्नतशील प्रजातियों में गिरिराज, नरेंद्र स्वर्णा राई 8, आरएच 725, आरएच 749, नरेंद्र 8501, पूसा मस्टर्ड 30, सीएस 58 आदि मुख्य प्रजातियां हैं । खेत की तैयारी करते समय एक कुंटल जिप्सम प्रति एकड़ की दर से खेत में मिलाने से पैदावार में वृद्धि होती है । उन्होंने भूमि एवं भूमि की तैयारी, बीज एवं बीज की बुवाई, खरपतवार प्रबंधन आदि की जानकारी दी । डॉक्टर अजीत सिंह वत्स वरिष्ठ वैज्ञानिक फसल सुरक्षा ने बीज का शोधन, बीज उपचार व एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन, डॉक्टर मनोज कुमार सिंह ने कार्बनिक खादों का का महत्व एवं प्रयोग, डॉ दिनेश कुमार पांडेय ने सिंचाई प्रबंधन की जानकारी दी । डॉक्टर ज्ञानदीप गुप्ता ने बताया कि उन्नतशील प्रजाति के चयन से फसल की उपज में काफी वृद्धि होती है । इस अवसर पर प्रगतिशील कृषकों रामसागर वर्मा, शिवप्रसाद यादव, राजेश कुमार वर्मा,राजू यादव, युवराज यादव, आलोक कुमार तिवारी, एसपी मिश्रा, आशीष कुमार सिंह मेलाराम यादव, मिश्रीलाल आदि उपस्थित रहे । केंद्र के इंद्रभूषण सिंह कार्यालय अधीक्षक एवं लेखाकार, रोहित कुमार स्टेनोग्राफर ने प्रशिक्षण के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की ।
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