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मनकापुर में सरकारी जमीन पर किए गए अवैध कब्जे की शिकायत पर पैमाइश करने गई टीम के सामने ही जमकर हुई मारपीट, एक गंभीर लखनऊ रिफर



एफ आई आर लिखाने पहुंचा गंभीर चोटों से थाने में काफी देर तक करहता रहा पीड़ित, मनकापुर पुलिस दिखी संवेदनहीन 

राजस्व अधिकारियों की बड़ी लापरवाही आई सामने बगैर पुलिस फोर्स लिए ही पहुंचे थे जमीन की पैमाइश करने, बाल बाल टली बड़ी घटना 

पं. बी के तिवारी 

गोंडा। जनपद गोंडा के तहसील मनकापुर अंतर्गत एक ग्राम सभा में पूर्व प्रधान सहित कुछ लोगों द्वारा कब्जाई गई सरकारी जमीन की बगैर पुलिस फोर्स के ही पैमाइस करने गई राजस्व टीम के सामने जमकर मारपीट हो गई।शिकायतकर्ता का आरोप है कि जमीन पर कब्जा जमाए दबंगों ने राजस्व टीम के सामने ही हम लोगों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा।जिससे शिकायतकर्ता पक्ष से बद्री प्रसाद को गम्भीर चोटें पंहुचने की खबर है।थाने पर पंहुचे चोटिल शिकायतकर्ता को जब स्थानीय पुलिस ने जांच इलाज के लिए चिकित्सालय भेजा तो डॉक्टरों ने गोंडा रिफर कर दिया है।

तहसील मनकापुर अंतर्गत ग्राम सभा गुनौरा में तालाब व चारागाह की जमीन पर गांव के ही पूर्व प्रधान सहित कुछ लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है।जिसको लेकर पीड़ित पक्ष किशोर कुमार, भभूति प्रसाद व बद्री प्रसाद लगातार थाना दिवस समाधान दिवस में तथा जनपद के उच्चाधिकारियों से जमीन खाली करने की गुहार लगाई थी।लेकिन स्थानीय लेखपाल को सरकारी संपत्ति पर जो स्वत संज्ञान लेना चाहिए उस पर भी शिकायत होने के बावजूद तीन बार अलग-अलग तरीके से मनमानी रिपोर्ट लगाकर अपने दायित्व की इति श्री कर ली।जिससे परेशान होकर के किशोर कुमार व अन्य ग्रामीणों के साथ जिलाधिकारी गोंडा के समक्ष प्रस्तुत होकर प्रार्थना पत्र दिया था। जिस पर जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी से जांच कर पैमाइश करा करके जमीन को खाली करने का आदेश दिया था।इस आदेश के अनुपालन में बृहस्पतिवार को नायब तहसीलदार मनकापुर अमरनाथ यादव मौके के राजस्व निरीक्षक व लेखपाल की टीम के साथ बगैर पुलिस फोर्स लिए गांव में जमीन की पैमाइश करने पहुंचे थे।तभी जमीन पर कब्जा जमाए पूर्व प्रधान हरिप्रसाद, मोहित, प्रमोद, सहित दर्जनों लोगों ने शिकायतकर्ता पर ही धावा बोल दिया और मारपीट करते हुए टीम को वापस लौटा दिया। ऐसे में बड़ी बात है कि जहां एक तरफ सरकार से लेकर शासन तक सरकारी जमीनों को खाली करने के लिए बार-बार निर्देश देते हैं। वही दूसरी तरफ राजस्व विभाग के स्थानीय जिम्मेदार जमीनों को खाली ना कराते हुए शिकायत करने पर भी मनमानी रिपोर्ट लगाकर अपने दायित्व की इति श्री कर लेते हैं। मामले में शिकायतकर्ता का आरोप है कि पूर्व प्रधान के सहयोगियों ने गंभीर चोटे पहुंचाते हुए, मोबाइल छीन ली और जान माल की धमकी देकर चले गए। तथा चोट खाकर थाने पहुंचे बद्री प्रसाद सहित अन्य लोगों ने अपनी शिकायत दर्ज कराते हुए एफआईआर करने की मांग की है।जिस पर पुलिस पीड़ित पक्ष के बद्री प्रसाद को स्थानीय चिकित्सालय में डाक्टरी परीक्षण कराने के लिए भेजा तो डॉक्टरों ने गंभीर चोट होने की वजह से जिला अस्पताल रिफर कर दिया था, लेकिन स्थिति गंभीर होने की वजह से जिला अस्पताल से भी लखनऊ रेफर होने की खबर है।इस संबंध में जब नायब तहसीलदार मनकापुर अमरनाथ यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमने पुलिस की मांग की थी लेकिन कोतवाल मौजूद नहीं थे। और जल्दी बाजी में हम लोग चले गए थे अभी जल्दी ही हम मनकापुर चार्ज ग्रहण किए हैं पूरी बात की जानकारी भी नहीं थी।वही जानकारी करने गए थे।ऐसे में प्रश्न उठता है की छोटी सी गलती से कितनी बड़ी घटना घट जाती है। और लोग अपने पल्लू झाड़ कर बगल हो जाते हैं।फिर भी जिम्मेदारों के कानों तक जूं नहीं रेंगती है।और आए दिन जमीनी मामले में ही बड़ी-बड़ी घटनाएं होती रहती हैं। इस संबंध में थाना प्रभारी प्रमोद कुमार से बात किया गया तो उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष से तहरीर मिली है।क्षेत्र के लेखपाल ने शिकायतकर्ता पक्ष से पांच लोगों को तथा दूसरे पक्ष से तीन लोगों को नामित करते हुए तहरीर दी है, वहीं शिकायतकर्ता पक्ष किशोर कुमार व बद्री प्रसाद की शिकायत पर बद्दी प्रसाद के चोटों को देखते हुए डॉक्टरी कराई जा रही है तथा एफ आई आर दर्ज किया जा रहा है।

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