आनंद गुप्ता
महराजगंज रायबरेली में योगेश (सेवा शिक्षा संयोजक - पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र एवं नेपाल राष्ट्र) का विद्यालय में प्रवास हुआ। वन्दना सभा में बाल्मीकि जयन्ती पर आपका पाथेय प्राप्त हुआ। बाल्मीकि जी के जीवन में परिवर्तन की घटना का जिक्र करते हुए सार रूप में कहा कि जब कोई अनैतिक मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति भी सन्मार्ग का वरण कर आदि कवि बन सकता है रामायण जैसे दिव्य ग्रन्थ का रचनाकार बन सकता है तो हम सभी तो परिवार आधारित ही नैतिक आचरण व सन्मार्ग के पथिक हैं। एक श्रेष्ठ चिन्तन करते हुए जो चाहेंगे सो करके दिखा देंगे। कन्या भारती एवं छात्र संसद के पदाधिकारियों की बैठक में उन्होंने छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए आह्वान किया कि हम सभी अपने राष्ट्र को उन्नत करने के लिए छोटे छोटे समर्पण के द्वारा बड़े बड़े प्रतिमान स्थापित कर सकते हैं। आन्ध्र प्रदेश के गोदावरी जनपद के छात्र दुष्यन्त के सक्रिय समर्पण की घटना का सजीव उदाहरण प्रस्तुत करते हुए अपेक्षा कि अपने विद्यालय की छात्र संसद के छात्र व कन्या भारती की छात्राएं भी मिलकर समाज से समर्पण का प्रयास करेंगे। जिससे एक संस्कार केन्द्र चल सके और समाज के विपन्न स्थिति में जीवन यापन करने वाले परिवारों के छात्र छात्रा शिक्षा ग्रहण कर सकें जिससे उन्हें भी राष्ट्रीय जीवन की सामाजिक जीवन धारा में समरस होकर कार्य करने का सुअवसर मिल सके। हम सभी की ऐसी समाज उन्मुख वृत्ति बने उनका भी हम दर्द समझ सकें इसके लिए कभी कभी सेवा बस्तियों का भी भ्रमण करना चाहिए। वन्दना सत्र का सञ्चालन आचार्य आदित्य ने किया। छात्र संसद व कन्या भारती की बैठक आचार्य आशीष के संयोजकत्व में सम्पन्न हुई। अतिथि परिचय विद्यालय के प्रधानाचार्य वीरेन्द्र वर्मा ने कराया, साथ ही अंग वस्त्र देते हुए श्रीमद्भागवत गीता की पवित्र पुस्तक भेंट की।
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